बजट 2024 में भारत के रक्षा मंत्रालय को 6,21,940.85 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ये बजट सशस्त्र बलों को और सुदृढ़ करेगा तथा रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देगा। आइए जानते हैं रक्षा बजट से जुड़ी खास बातें।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य सहित चीन और पाकिस्तान से भारत के समक्ष उत्पन्न खतरे को देखते हुए, भारत को आगामी बजट में केंद्र सरकार के कुल व्यय का कम से कम 25 प्रतिशत खर्च करना चाहिए।
एक्सपर्ट का मानना है कि बुनियादी ढांचे में निवेश स्थिरता पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य परिवहन नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और पर्यावरणीय परिणामों में सुधार करना है। चुनावों के बाद से भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुख बना हुआ है, जो हर हफ्ते धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने अपना नया रक्षा बजट पेश कर दिया है। बदहाली के बावजूद पाकिस्तान ने रक्षाबजट को 15 फीसदी तक बढ़ा दिया है। हालांकि अब भी पाकिस्तान का यह रक्षा बजट भारत के मुकाबले कई गुना कम है।
दुनिया के कई देशों से दुश्मनी मोल लेने वाला चीन लगातार अपना रक्षा बजट बढ़ा रहा है और इस साल चीन ने अपने रक्षा बजट में बीते पांच साल में सबसे ज्यादा 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
वित्त मंत्री सीतीरमण ने बजट पेश करते हुए रेलवे, स्वास्थ्य समेत कई अन्य क्षेत्रों के लिए प्रमुख ऐलान किया है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को भी बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणा की है।
जापान ने उत्तर कोरिया और चीन का सामना करने के लिए अपनी सैन्य ताकत को कई गुना बढ़ाने की ठान ली है। इसके लिए जापान कुल 300 अरब डॉलर खर्च करेगा। वर्ष 2024 के लिए भी जापान के मंत्रिमंडल ने बड़े रक्षाबजट को मंजूरी देकर उत्तर कोरिया और चीन जैसे दुश्मनों को हैरान कर दिया है।
हमास आतंकियों की तबाही के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल को सबसे बड़ी रक्षा सहायता देने का ऐलान किया है। इसके लिए 14.5 अरब डॉलर रुपये की मंजूरी दी गई है। रुपये के हिसाब से यह राशि 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह धनराशि पाकिस्तान के कुल रक्षाबजट की दोगुनी है।
जापान अपने रक्षा बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर रहा है। इससे चीन और उत्तर कोरिया को झटका लगेगा। इसी बीच एशिया प्रशांत क्षेत्र में दो धुरियां बन रही हैं। एक गुट चीन, उत्तर कोरिया और रूस का है। वहीं दूसरा गुट है जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का।
आर्थिक खस्ताहाली के बीच पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में 15.5 फीसदी का इजाफा किया है। वर्ष 2023-24 के लिए पाकिस्तान का रक्षा बजट 1.8 लाख करोड़ है। वहीं इसी वित्तीय वर्ष के लिए भारत का रक्षा बजट 5.94 लाख करोड़ है, जो कि पाकिस्तान के रक्षाबजट से 5 गुने से भी ज्यादा है।
वैश्विक परिदृश्य में लगातार बढ़ते तीसरे विश्व युद्ध के खतरे और विभिन्न देशों से तनाव के मद्देनजर सभी देश अपने-अपने रक्षा बजट को बढ़ाते जा रहे हैं। ऐसे में चीन भी कहां पीछे रहने वाला था। चीन ने आज रविवार को दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा रक्षा बजट पेश किया है।
भारत का रक्षा बजट पिछले कई वर्षों से मंद गति से आगे बढ़ रहा है। इसके बावजूद देश ने दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा रक्षाबजट पेश किया है। वर्ष 2023-24 के लिए भारत का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ से बढ़कर 5.94 लाख करोड़ पहुंच चुका है। यह पाकिस्तान के रक्षाबजट से करीब 14 गुना अधिक है। जबकि चीन के रक्षाबजट का सिर्फ एक चौथाई है।
Defence Budget 2023: पिछले 5 साल के डिफेंस बजट को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि दुश्मन देशों को धूल चटाने की प्लानिंग भारत सरकार कर रही है। इस साल भी सेना के लिए खर्च होने वाले बजट में करीब 70 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बदलते वैश्विक सामरिक परिवेश में तीसरे विश्वयुद्ध की आहट ने खतरे की घंटी बजा दी है। ऐसे में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से शांत पड़ा जापान सबसे अधिक सक्रिय हो गया है। इस वक्त दुनिया के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी देशों में चीन बनाम अमेरिका, रूस बनाम अमेरिका और जापान बनाम चीन की स्थिति पैदा हो गई है।
बजट को आने में कुछ ही दिन बाकी हैं, वहीं डिफेंस सेक्टर यानि रक्षा क्षेत्र को बजट- 2023 से काफी उम्मीदें है, वहीं पिछले 3 वर्षों में इस क्षेत्र की ओर सरकार ने बेहतरी के साथ ध्यान दिया है।
भारत के पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार ने इंडिया टीवी के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि भारतीय सेना बीते एक दशक में किस प्रकार मजबूत हुई है और कैसे भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सेना आधुनिकीकरण की राह पर चल रही है।
भारत सरकार की तैयारी डिफेंस सेक्टर को वर्ल्ड मैप में लाने की है, जहां इसके लिये पिछले बजट में भरपूर प्रयास किये गए थें। वहीं अब आगामी बजट-2023 से रक्षा क्षेत्र को काफी उम्मीदें हैं, साथ ही देश की सुरक्षा व्यवस्था चाक- चौबंद रखना बेहद जरूरी है।
दुनिया में अपना सिक्का चलाने के लिए ये पांच देश अपनी सेनाओं पर सबसे ज्यादा पैसे खर्च करते हैं। इसमें पहले नंबर पर अमेरिका है, दूसरे नंबर पर चीन है और तीसरे नंबर पर भारत है। जबकि ब्रिटेन चौथे नंबर पर और रूस पांचवें नंबर पर है।
Indian Army strength: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ वर्षों के कार्यकाल में सेना कितनी अधिक ताकतवर हो चुकी है... इसका अंदाजा आपको भले ही न हो, लेकिन पाकिस्तान से लेकर चीन और अमेरिका तक को यह एहसास अच्छे से हो चुका है।
China Japan Relations: रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से ही जापान ने अपने आपको सुरक्षित करने की रणनीति बनाने की शुरुआत कर दी थी। अब चीन की कारगुजारियों के बीच जापान और ज्यादा अलर्ट हो गया है। उसने रक्षात्मक नीति छोड़कर आक्रामक रूख अपनाने की राह पकड़ ली है।
संपादक की पसंद