पंडित दीनदयाल के बचपन में ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। जिसके बाद वह आजीवन संघ के प्रचारक रहे। वह जनसंघ के नेता भी रहे लेकिन मुगलसराय स्टेशन पर उनकी हत्या कर दी गई थी।
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के कदम को जनसंघ के अध्यक्ष रहे पं. दीनदयाल उपाध्याय की विरासत को पुनर्जीवित करने की कोशिश के तहत देखा जा रहा है।
मुगलसराय स्टेशन अब कहलाएगा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन
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