नोटबंदी के बाद पैदा हुए नकदी संकट से प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट आई है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि बेहिसाबी धन का निवेश अब अधिक कठिन हो गया है।
फिच ने कहा नोटबंदी के कारण 2017 में प्रॉपर्टी की बिक्री में 20-30 फीसदी गिरावट आएगी। इसका कारण नकदी की कमी के साथ उपभोक्ताओं द्वारा सर्तकता बरतना भी है।
जीडीपी वृद्धि दर में चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में दो प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसका कारण प्रभावी मुद्रा में उल्लेखनीय रूप से कमी आना है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 23 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 93.52 करोड़ डॉलर घटकर 359.671 अरब डॉलर रह गया।
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने शुक्रवार को कहा कि अक्टूबर-नवंबर की अवधि में उसकी रिटेल बिक्री पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत कम रही।
देश का विदेशी पूंजी भंडार नौ दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 88.72 करोड़ डॉलर घटकर 362.9874 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 24,534.9 अरब रुपए के बराबर है।
नोटबंदी का असर विदेशी मुद्रा भंडार पर भी हुआ। देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 1.431 अरब डॉलर घटकर 363.874 अरब डॉलर रह गया।
भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 18 नवंबर को सप्ताह सप्ताह में 1.542 अरब डॉलर घटकर 365.499 अरब डॉलर रह गया।
भारत में चीन के उत्पादों की मांग लगातार घट रही है और आगामी महीनों में चीन से आयात में भारी गिरावट आ सकती है। देसी प्रोडक्ट्स के प्रति बढ़ रहा है आकर्षण।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.343 अरब डॉलर घटकर 367.646 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया।
भारत में इस साल रेमिटेंस (विदेशों से भेजा जाने वाला धन) 65.5 अरब डॉलर रह सकता है। यह पिछले साल आए कुल रेमिटेंस से 5 फीसदी कम होगा।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़