कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी और स्थानीय स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से आय में वृद्धि के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले आठ कारोबारी दिनों में घरेलू पूंजी बाजार से 12,671 करोड़ रुपये (करीब दो अरब डॉलर) की निकासी की।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से कुल मिलाकर 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने घरेलू शेयर और बॉन्ड बाजार से अब तक करीब 8,000 करोड़ रुपए की निकासी की है। इससे पहले मार्च में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 11,654 करोड़ रुपए निवेश किए थे जबकि ऋणपत्र बाजार से नौ हजार करोड़ रुपए की निकासी की थी।
राजस्थान के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि प्रदेश के सहकारी बैंकों से जुड़े अल्पकालिक फसली ऋण लेने वाले 28 लाख से अधिक किसानों के 50 हजार रुपये तक के ऋण माफ करने की योजना लागू कर दी गई है।
म्यूचुअल फंड से मार्च महीने में निवेशकों ने 50,000 करोड़ रुपए की निकासी की। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार लिक्विड और डेट फंडों से माह के दौरान बड़ी राशि निकाली गई।
विदेशी निवेशकों ने वैश्विक बिकवाली के बीच घरेलू शेयर बाजार से इस महीने अबतक 6,850 करोड़ रुपये की निकासी की है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी में कुल 13,780 करोड़ रुपए की निकासी की थी।
बेहतर आय की उम्मीदों के चलते विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार में जनवरी में 3.5 अरब डॉलर (तकरीबन 22,000 करोड़ रुपए से अधिक) का निवेश किया है।
Fitch Ratings ने कहा है कि सरकार की कमजोर वित्तीय स्थिति ने भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार में रुकावट डाला है। सरकार के ऊपर जीडीपी के करीब 68 प्रतिशत के बराबर ऋण का बोझ है और यदि राज्यों को शामिल किया जाए तो राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.5 प्रतिशत है।
आकर्षक मुनाफे और कॉरपोरेट कमाई में सुधार की उम्मीद को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने जनवरी में अब तक देश के पूंजी बाजार बाजार में 3 अरब डॉलर (करीब 18,000 रुपए) का निवेश किया है।
विदेशी निवेशकों ने 2017 में भारतीय ऋण बाजार में 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है।
पूंजी जुटाने संबंधित गतिविधियों में इस साल तेजी देखने को मिली और समाप्त हो रहे वर्ष 2017 के दौरान भारतीय कंपनियों ने पूंजी बाजार से अनुमानित 8.5 लाख करोड़ रुपए की विशाल पूंजी जुटाई।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने कहा है कि भारत में टेलिकॉम कंपनियां मोबाइल टावर कारोबार में हिस्सेदारी बेच कर 90,000 करोड़ रुपए तक का कर्ज चुका सकती हैं।
केंद्र सरकार का सार्वजनिक ऋण जुलाई-सितंबर तिमाही में इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 2.53 प्रतिशत बढ़कर 65.65 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 1-17 नवंबर के दौरान शेयरों में 14,348 करोड़ रुपये (2.2 अरब डॉलर) का निवेश किया।
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) ने अपने 45,000 करोड़ रुपए के ऋण के पुनर्गठन के लिए एक नई योजना की पेशकश की है।
देश का विदेशी कर्ज जून अंत में 3 प्रतिशत बढ़कर 485.8 अरब डॉलर हो गया है। इसका मुख्य कारण घरेलू पूंजी बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में हुई वृद्धि है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो CBI ने पंजाब नेशनल बैंक से 60 करोड़ रुपए ऋण लेने के लिए किए गए कथित फर्जीवाड़े को लेकर आठ मामले दर्ज किए हैं।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 1,444 ऐसे डिफॉल्टरों पर कार्रवाई की है। इन पर 20,943 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनके NPA की समस्या का समाधान करने के पीछे मूल उद्देश्य कारोबार को समाप्त करना नहीं है बल्कि उसे बचाना है।
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली RCOM ने दूरसंचार क्षेत्र के वित्तीय संकट के लिए मुकेश अंबानी द्वारा संचालित रिलायंस जियो के फ्री ऑफर को जिम्मेदार ठहराया है।
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