आरबीआई ने कहा कि जून 2023 के आखिर में विदेशी ऋण और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात घटकर 18.6 प्रतिशत हो गया, जो मार्च 2023 के आखिर में 18.8 प्रतिशत था।
G20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीन की निम्न सोच सामने आ गई है। चीन ने ऋण पुनर्गठन के हिस्से के रूप में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जलवायु प्रावधान जोड़ने के खिलाफ हो गया है। जबकि जी-20 के अन्य सदस्य देशों ने इससे पक्ष में अपनी सहमति दी है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व में मदद करने वाले देशों की तारीफ की है। ताकि बाढ़ से जूझ रहे पाकिस्तान को फिर से दया की भीख मिल सके। पाकिस्तान में हजारों लोग बाढ़ से बेघर हो चुके हैं। दो वक्त की रोटी के भी गरीबों को लाले पड़े हैं।
आर्थिक तंगी से कराहते पाकिस्तान के कटोरे में सऊदी अरब ने आखिरकार 2 अरब डालर की अतिरिक्त भीख डाल दी है। इससे निश्चित रूप से भूख से तड़पते पाकिस्तान को कुछ ना कुछ राहत जरूर मिलेगी। मगर क्या अब इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भी पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए मेहरबान हो सकता है।
Karj Mukti Ke Upay: अगर आपके ऊपर पैसों का काफी बोझ है तो वास्तु के मुताबिक घर में कुछ जरूरी बदलाव कर के इससे छुटकारा पा सकते हैं। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कर्ज से मुक्ति के उपाय।
जोखिम भरे शेयर बाजार और इसके उथल-पुथल से बचकर भी आप कई जगह निवेश कर इससे अच्छा रिटर्न ले सकते हैं। इनमें पीपीएफ, हाई ग्रेड कॉरपोरेट बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट के अलावा शॉर्ट टर्म डेब्ट फंड्स शामिल हैं। इनमें प्रिंसिपल अमाउंट डूबने का खतरा कम रहता है।
श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश तो कंगाल हैं ही, लेकिन इसके अलावा भी कई बड़े-बड़े देश कर्ज में डूबे हुए हैं। अगर उनका नाम सुनेंगे तो आप हैरत में पड़ जाएंगे। यह देश कोई और नहीं, बल्कि सुपर पॉवर अमेरिका है।
Debt Market: कहीं भी निवेश करने से पहले लोग बेहतर रिटर्न की उम्मीद करते हैं। इसके अलावा अगर प्रिंसिपल अमाउंट खोने का डर नहीं हो तो लोगों को इस निवेश के ऊपर और अधिक विश्वास होता है। डेट बाजार में निवेश करने का सही समय और कैसे इससे अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, यहां जाने इसके बारे में सब कुछ।
मौत से पहले प्रिंस ने बयान दिया था कि 'कर्ज देने वाला व्यक्ति उन्हें काफी परेशान कर रहा था, इस वजह से उन्होंने यह कदम उठाया।'
Odisha News: युवक ने अपने दादा के अंतिम संस्कार के लिए पिछले महीने आरोपी से 1500 रुपये उधार लिए थे। लेकिन किए वादे के तहत वह उसे 30 दिन के भीतर लौटा नहीं पाया।
Pakistan in debt: भयंकर बाढ़ की विभीषिका का सामना कर रहे पाकिस्तान के सामने अब एक नई मुसीबत आकर खड़ी हो गई है। इससे पाकिस्तान के बेमौत मारे जाने की आशंका भी प्रबल हो गई है। दरअसल पाकिस्तान सिर्फ बाढ़ में ही नहीं डूबा है, बल्कि वह भयंकर कर्ज में भी डूब चुका है। इससे उसके लोगों के भूखों मरने की नौबत आ गई है।
हंबनटोटा बंदरगाह के पास राजपक्षे एयरपोर्ट है। इसे चीन से 200 मिलियन डॉलर लेकर बनाया गया है। एयरपोर्ट का इस्तेमाल बहुत कम होता है। ऐसे भी हालात आए, जब इसके पास अपना बिल भरने तक के पैसे नहीं थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में कच्चे तेल की कीमतें भी ऊंचे स्तर पर रहीं। कच्चे तेल की कीमतों के उच्चस्तर ने घरेलू बाजार में 10-साल के सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल को प्रभावित किया।
कंगाल पाकिस्तान में भले ही सत्ता बदल गई हो, लेकिन कटोरा लेकर कर्ज की भीख मांगने की आदत अभी भी छूटी नहीं है। शहबाज शरीफ करें भी तो क्या। इमरान से सत्ता तो छीनी, लेकिन तब तक इमरान खान देश को ऐतिहासिक कर्ज में डुबो चुके थे।
चीन डॉलर डिप्लोमेसी से एशिया के गरीब देशों को अपने मकड़जाल में फंसा रहा है। इसका ताजा उदाहरण श्रीलंका और पाकिस्तान हैं। वह एशियाई व गरीब अफ्रीकी देशों को के साथ ‘यूज एंड थ्रो’ की नीति अपनाता है। इस नीति की अमेरिका कई बार आलोचना कर चुका है।
गरीब देशों की भ्रष्ट सरकारें चीन का लोन लेकर डिफॉल्ट कर रही हैं, और मौके का फायदा उठाकर चीन इन देशों में जमीनें, द्वीप और हवाई अड्डे हथिया रहा है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने सितंबर 2021 तक कर्ज के आंकड़े जारी किए, जिसके एक दिन बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने बढ़ते कर्ज को "राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा" बता दिया है।
गैर-सरकारी कर्ज सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 462.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान एनआरआई जमा 8.7 प्रतिशत बढ़कर 141.9 अरब डॉलर पर पहुंच गई
सबसे ऊंचे डेट टू एसेट रेश्यो वाले 5 राज्यो में से 4 दक्षिण भारत में हैं। कर्ज लेने वाले शहरी परिवारों की कैटेगरी में केरल और ग्रामीण इलाकों में तेलंगाना सबसे आगे हैं।
एनएसओ ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की भूमि और पशुधन के अलावा कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन किया। सर्वे के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के दौरान प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी।
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