DCGI ने एबॉट कंपनी के एक मेडिसिन के खिलाफ अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधान किया है।
गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत पर WHO ने भारत में बने कफ सिरप पर ठीकरा फोड़ा था। WHO ने 4 कफ सिरप के लिए अलर्ट भी जारी किया था। अब इस मामले में जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद भारत ने WHO को जमकर फटकार लगाई है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने टीबी से बचाव में कारगर अपने रिकॉम्बिनेंट बीसीजी (RBCG) टीके को आपात उपयोग की मंजूरी देने के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) के पास आवेदन किया है।
15-18 साल के बच्चों का नए साल में टीकाकरण करने के बाद 12-18 साल के बच्चों के लिए भी टीका आ गया है। बयोलॉजिकल-ई कोरोना वैक्सीन कोर्बेवैक्स को सोमवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अंतिम मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर लिखा कि DCGI ने भारत में सिंगल-डोज स्पुतनिक लाइट कोरोना वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है। ये देश की 9वीं वैक्सीन है, जो लोगों को दी जाएगी। साथ ही ये महामारी के खिलाफ देश की सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एम्स दिल्ली समेत पांच स्थानों पर परीक्षण किया जाएगा। भारत बायोटेक ने दिसंबर में डीसीजीआई से इंट्रानेजल कोविड-19 टीके का उन प्रतिभागियों पर तीसरे चरण का अध्ययन करने की अनुमति मांगी थी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 टीके लग चुके हों।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को कहा कि नि:शुल्क टीकाकरण का सरकारी अभियान जारी रहेगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने वयस्कों के लिए अब कोवैक्सीन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) को कुछ शर्तों के साथ आपातकालीन परिस्थितियों में प्रतिबंधित इस्तेमाल की अनुमति को नई सामान्य दवा में अपग्रेड कर दिया है।
SII के सरकार एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने DCGI को भेजे आवेदन में कहा है कि अध्ययन डेटा से सुरक्षा की कोई चिंता नहीं पैदा हो रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पुणे स्थित एसआईआई ने कोविशील्ड के वास्ते नियमित विपणन की अनुमति के लिए अपने आवेदन के साथ भारत से संबंधित अंतिम चरण 2/3 की चिकित्सीय अध्ययन रिपोर्ट जमा कर दी है।
मुंबई की दवा कंपनी सिप्ला को आपात उपयोग के लिए माडर्ना की कोरोना वैक्सीन के आयात की अनुमति दे दी है।
भारत बायोटेक की वैक्सीन Covaxin को फेज 3 ट्रायल में कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8 फीसदी असरदार पाया गया है।
देश के स्वदेशी तौर पर विकसित पहले कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन के छह से 12 साल के बच्चों में नैदानिक परीक्षण के लिये मंगलवार (15 जून) को यहां एम्स में नामांकन शुरू होगा।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीएसआईआर और लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को कोविड-19 मरीजों पर कोलचीसीन दवा के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दे दी है।
DCGI ने स्पुतनिक-वी के निर्माण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को मंजूरी दे दी है। मालूम हो कि भारत में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी बनाने के लिए सीरम ने डीसीजीआइ से ट्रायल लाइसेंस की अनुमति मांगी थी। डीसीजीआई की मंजूरी के बाद सीरम भारत में स्पुतनिक-वी का निर्माण कर सकेगा।
डॉ. वीके पॉल ने बताया कि '2 से 18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन (COVAXIN) के क्लीनिकल ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की अनुमति मिल गई है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित एंटी-कोरोना वायरस 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा सोमवार (17 मई) को सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च की जाएगी।
DCGI की मंजूरी के बाद देशभर में Covaxin ट्रायल 525 स्वस्थ बच्चों पर किया जाएगा। ट्रायल के लिए बच्चों को वैक्सीन की 2 डोज दी जाएगी, पहली डोज के बाद दूसरी डोज 28वें दिन दी जाएगी।
भारत बायोटेक ने भारतीय औषधी नियामक को पत्र लिखकर स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के उपयोग की अवधि को छह से 24 महीने बढ़ाने का आग्रह किया है।
जायडस का दावा है कि Pegylated Interferon Alpha 2b (Verifin) दवा 18 वर्ष के अधिक के हल्के लक्षण वाले मरीजों पर असरदार साबित हुई है।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से होने का दावा करने वाले कुछ ऑनलाइन जालसाज आपके साथ कोरोना वैक्सीन के नाम पर धोखीधड़ी कर सकते हैं।
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