कैग की रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है कि एलपीजी सब्सिडी में 21,552 करोड़ रुपए की बचत का बड़ा हिस्सा वैश्विक बाजार में कीमतों में कमी का परिणाम है।
डीबीटी को मौजूदा वर्ष के अंत तक आधार से जोड़ दिया जाएगा। कल्याणकारी योजनाओं को 31 मार्च 2017 तक डीबीटी के अंतर्गत लाने का निर्णय किया है।
कैग की रिपोर्ट में एलपीजी सब्सिडी बचत में खामियां पाए जाने के बाद सरकार ने कहा कि डीबीटी से वास्तव में 21,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
अरुण जेटली ने कहा, संसद द्वारा पारित आधार कानून यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी सहायता के दुरुपयोग को रोका जा सके।
सब्सिडी के लिए DBT योजना से कल्याणकारी योजनाओं में संसाधनों की उल्लेखनीय बचत हुई है, जिनमें 27,000 करोड़ रुपए की बचत शामिल है।
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजनाओं के लिए आधार कार्ड और आधार नंबर को बैंक खातों से जोड़ना स्वैच्छिक है।
एलपीजी उपभोक्ताओं को सब्सिडी का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में करने की योजना के बाद अब सरकार केरोसिन के लिए डीबीटी स्कीम लाने जा रही है।
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