इस साल अगस्त में डिजिटल पर्सनलडेटा प्रोटेक्शन ऐक्ट (DPDP Act) का प्रपोजल ड्राफ्ट किया गया था, जिसमें यूजर डेटा सुरक्षा को लेकर कई प्रावधान शामिल हैं। 3 साल तक सोशल मीडिया से दूर रहने वाले यूजर्स का अकाउंट और डेटा पूरी तरह से डिलीट करना होगा।
डेटा प्रोटेक्शन विधेयक में दुनिया में कहीं भी भारतीयों के हितों की रक्षा का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक भारतीय नागरिकों को वैश्विक स्तर पर डिजिटल दुनिया में सुरक्षा प्रदान करता है। डेटा ब्रीच होने पर जिम्मेदार कंपनियों के खिलाफ भारी भरकम जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है।
कोई कंपनी डेटा प्रोटेक्शन कानून को मानने से इनकार करती है तो उस पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस बिल के प्रावधान के मुताबिक अगर कोई कंपनी नियम को तोड़ेगी तो उस पर 250 करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही इसमें जेल की सजा का भी प्रावधान है।
मॉनसून सत्र में संसद में इस बिल को लाया जा सकता है. केंद्र ने बीते साल नवंबर में ड्राफ्ट पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (Personal Data Protection Bill 2022) को प्रकाशित किया था.
अगर आपका डेटा भी तेजी से खत्म हो रहा है तो इन 7 तरीकों से इसे बचाया जा सकता है। आइए आपको डेटा सेव करने के 7 बेहतरीन तरीके बताते हैं।
Personal Data: अब आपका निजी डेटा पर्सनल नहीं रहा गया है। उसे मार्केट में खुलेआम 490 रुपये के भाव पर बेचा जा रहा है। यह वाकई चौंकाने वाला है। आइए पूरी खबर जानते हैं।
चंद्रशेखर ने कहा, जैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण नहीं है और उचित प्रतिबंध के अधीन है, वैसे ही डेटा सुरक्षा का अधिकार भी है।
Data Protection Bill 2021: सरकार ने बुधवार को इस विधेयक को लोकसभा से वापस ले लिया और कहा कि वह 'नए कानून' लेकर आएगी जो व्यापक कानूनी ढांचे के अनुरूप होंगे। गूगल, मेटा और अमेजन जैसी कंपनियों के अमेरिका स्थित संगठन आईटीआई ने भारत सरकार के विधेयक को वापस लेने के कदम की सराहना की।
समिति ने प्रस्तावित डाटा प्रोटेक्शन बिल के दायरे को व्यापक बनाने का भी प्रस्ताव किया। इसमें व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत दोनों तरह के डेटा को शामिल करने का भी सुझाव है।
लोगों के निजी डेटा की सुरक्षा और डेटा सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना के मकसद से यह विधेयक 2019 में लाया गया था।
निजी डाटा की सुरक्षा और डाटा सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना के मकसद से यह विधेयक 2019 में लाया गया था। इसके बाद इस बिल को आवश्यक सुझावों के लिए इस संसद की संयुक्त समिति (जेसीपी) के पास भेज दिया गया था।
सबसे पॉपुलर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatApp के अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के बाद से यूजर दूसरे अल्टरनेटिव्स की तरफ जा रहे हैं। यूजर Signal और Telegram जैसे दूसरे प्राइवेसी फोकस्ड इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप को अपना रहे हैं।
फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी प्रमुख अंखी दास शु्क्रवार को टा प्रोटेक्शन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष पेश हुईं।
प्रगति मैदान का प्रबंधन देखने वाली इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन (आईटीपीओ) यहां विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर को पुनर्विकसित करेगा।
भारत के पास जल्द ही पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन पर कानून होगा। सोमवार (18 नवंबर) से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है, उम्मीद है कि सरकार कानून बनाने के लिए विधेयक ला सकती है।
डेटा अब 'नया तेल' बन गया है, इसलिए सरकार इसकी सुरक्षा के लिए नया डेटा सुरक्षा कानून लाने जा रही है, ताकि डिजिटल अर्थव्यवस्था में देश के नागरिकों की निजता की सुरक्षा हो सके। हालांकि विशेषज्ञों ने डेटा सेंधमारी को लेकर उत्तरदायित्व तय करने में बड़ी सुराखों के प्रति सचेत किया है।
भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच चार जुलाई को ब्रसल्स में होने वाली बैठक में ई-कॉमर्स नीति के मसौदे, डेटा संरक्षण और कुछ चिकित्सा उपकरणों की कीमतों पर नियंत्रण जैसे मुद्दों पर विचार विमर्श होगा।
इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार संसद में कानून बनाने का विधेयक पेश करेगी।
सरकार ने मंत्रालयों से आधार डेटा, पर्सनल फाइनेशियल डिटेल्स को एनक्रिप्ट (अनधिकृत पहुंच को रोकने के लिए सूचना डेटा को कोड में कन्वर्ट करना) करने को कहा
संपादक की पसंद