दारुल उलूम देवबंद ने अपने फतवे में गजवा-ए-हिन्द को इस्लामिक दृष्टिकोण से वैध बताते हुए इसे महिमामंडित किया है। बता दें कि सुन्न अल नसा नाम की किताब में गजवा-ए-हिंद पर पूरा एक चैप्टर है।
दारुल उलूम ने छात्रों के लिए फरमान जारी करके इंग्लिश या कोई दूसरी भाषा सीखने पर पाबंदी लगा दी है। दारुल उलूम के शिक्षा विभाग ने ये कहा है कि अगर किसी छात्र ने ये आदेश नहीं माना तो उसे निष्कासित कर दिया जाएगा।
दारुल उलूम देवबंद के शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद द्वारा जारी आदेश में आगे कहा गया है कि अगर कोई छात्र इसका उल्लंघन करता है तो उसे संस्थान से निकाल दिया जाएगा।
मौलाना हुसैन ने कहा कि छात्रों को साल के बीच में छुट्टी लेने से बचना चाहिए, क्योंकि फिर साल के आखिर में जब हाजिरी काउंट की जाती है, तो सभी छुट्टियां गैर-हाजिर रहने में शामिल होती हैं।
UP News: अरशद मदनी ने बताया कि, "आज की मीटिंग में हमने बताया कि इस्लाम में मदरसों को लेकर क्या बताया गया है, मदरसों को क्यों बनाया गया है। हमारी तरफ़ से कभी कोई विरोध नहीं किया गया। मदरसे हमारा मज़हब है।
Darul Uloom News: महासभा ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि कोर्ट इन सभी संस्थानों तथा इनके प्रमुखों व अन्य अधिकारियों के हिंसा व देश के खिलाफ साजिश रचने में शामिल होने की भी जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराए।
एटीएस को सूचना मिली थी कि तलहा नाम का एक व्यक्ति दारुल उलूम देवबंद में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रहा है और देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है।
इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केंद्र दारूल उलूम देवबंद ने सैनेटाइजर के इस्तेमाल को लेकर फतवा जारी किया है ।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल उलूम ने रमजान के महीने में रोजे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण की जांच कराने को जायज बताया है।
दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने मुस्लिम कौम को लिखे खुले पत्र में कहा कि देश की सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन घोषित किया है। इसे मानना हर नागरिक का फर्ज है।
दरअसल पाकिस्तान के एक शख्स ने दारुल से सवाल पूछा था कि क्या हजरत मोहम्मद साहब के जीवनकाल में किए गए अमल (कार्यों) से यह साबित होता है कि ईद के दिन गले लगना अच्छा है?
देवबंद वो जगह है जहां से जारी हर फतवा, हर पैगाम हिन्दुस्तान के मुसलमानों के लिए पत्थर की लकीर मानी जाती है।
छात्रों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे ट्रेन में किसी तरह की बहस से बचने का प्रयास करें
देवबंद स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूलउलूम ने महिलाओं को लेकर नया फतवा जारी करते हुए बारात में उनके जाने को नाजायज करार दिया है।
दारुल-उलूम देवबंद ने रविवार को एक नया फतवा जारी कर मुस्लिम महिलाओं को चौंका दिया। अपने नए आदेश में दारुल-उलूम देवबंद ने नेल पॉलिश लगाने और नाखून काटने को गैर इस्लामिक कहा है।
मशहूर इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने कहा है कि उसे अपने परिसर में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए सहारनपुर जिला प्रशासन की तरफ से 15 जनवरी तक अनुमति प्राप्त करने को कहा गया है और वह जल्द ही इसकी इजाजत लेगा।
जानें, अपने दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग ‘दारुल इफ्ता’ ने यह फतवा क्यों जारी किया है...
देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने अपने एक फतवे में बैंक की नौकरी से चलने वाले घरों से शादी का रिश्ता जोड़ने से परहेज करने को कहा है...
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