एसकेएम की कोर समिति के सदस्य दर्शन पाल ने कहा, “15 जनवरी की बैठक में यह भी चर्चा होगी कि एसकेएम को राष्ट्रीय स्तर के मोर्चा के रूप में कैसे पेश किया जाए। जो किसान नेता राजनीति में जाना चाहते हैं उन्हें एसकेएम छोड़ देना चाहिए। एसकेएम गैर राजनीतिक रहेगा।”
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली का गला दबाना होगा और दिल्ली को चारों ओर से घेरना होगा। किसान आंदोलन के नाम पर पिछले करीब 9 महीने से दिल्ली के सभी बॉर्डर जाम हैं, लेकिन किसान नेता इतने भर से मानने वाले नहीं हैं।
1 फरवरी को हम दिल्ली के अलग-अलग जगहों से संसद की ओर पैदल मार्च करेंगे: दर्शन पाल, क्रांतिकारी किसान यूनियन
नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने सिंधु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बुधवार (2 दिसंबर) को कहा कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करे। किसान नेताओं ने कहा कि छोटी समिति बनाने का मकसद आंदोलन को लटकाना है, सरकार किसानों को बांटना चाहती है।
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