बैंकों की सायबर सिक्योरिटी कमजोर होने की बात सामने आई है। डेबिट कार्ड फ्रॉड जांच में पता चला है कि ये सेंध हैकर्स ने हिताची के नेटवर्क में सेंध लगा कर की थी।
सरकार जल्द आपके कंप्यूटर और मोबाइल फोन की सुरक्षा फ्री (FREE) में करेगी। आईटी मंत्रायल ने आपको फ्री एंटी-वायरस सर्विस देने का इंतजाम किया है।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक मालवेयर-रोधी विश्लेषण केंद्र शुरू किया जो देश में कंप्यूटरों और मोबाइल फोनों को एंटीवायरस की सुविधा देगा।
बैंक साइबर चुनौतियों के बढ़ते खतरे के बीच अब साइबर बीमा पर गौर कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2015-16 में साइबर अपराधों से 4 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
एसोचैम-पीडब्ल्यूसी के संयुक्त अध्ययन के अनुसार 2016 के पहले दस महीने में देश में साइबर क्राइम के 39730 मामले हुए। वहीं 2015 में 49,455 मामले सामने आए थे।
सरकार बहुप्रतीक्षित मालवेयर और बोटनेट क्लिीनिंग सेंटर का परिचालन 20 दिसंबर से शुरू करेगी। बोटनेट सेंटर से साफ्टवेयर मुफ्त में उपलब्ध होगा।
Yahoo यूजर्स के डेटा चोरी होने का एक और मामला सामने आया है। कंपनी ने कहा कि एक अरब से अधिक यूजर्स से जुड़े आंकड़े को चुरा लिया गया है।
ई-वॉलेट और अन्य ऑनलाइन भुगतान माध्यमों से डिजिटल भुगतान में आई तेजी के साथ ही 2017 में मोबाइल धोखाधड़ी के मामले 65 फीसदी बढ़ने के हैं आसार।
तेजी से बढ़ते तकनीकी प्रयोग के चलते भारत पर साइबर हमलों में वृद्धि हुई है और निफ्टी-50 की करीब 70 फीसदी कंपनियां हैकरों की दृष्टि से अति संवेदनशील हैं।
हैकर्स पासवर्ड समेत तमाम गोपनीय जानकारियां का डेटा बेच रहे हैं। कैस्परस्काई की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
जितनी अविश्वसनीय गति से डिजिटल इंडिया का प्रसार हो रहा है उसके साथ एक बुराई भी उतनी तेजी से बढ़ रही है और यह साइबर क्राइम ।
देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थान, देश के दो सरकारी संगठनों और एक शीर्ष आईटी कंपनी की साइबर जासूसों के एडवांस दक्षता प्राप्त समूह द्वारा जासूसी की जा रही है।
साइबर हमलों के बढते मामलों तथा वैश्विक स्तर पर डेटा सुरक्षा प्रयासों में तेजी आने से 35 अरब डॉलर के कारोबारी अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
कंप्यूटर की सुरक्षा से जुड़ी कंपनी सिमानटेक ने कहा साइबर क्रिमिनल भारत, ब्रिटेन और अमेरिका में छोटी-छोटी कंपनियों को निशाना बना रहे हैं।
सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर फर्म सिमेनटेक का कहना है भारत, अमेरिका और अन्य देशों में इनफार्मेशन चुराने के लिए लोगों को टैक्स कटौती से जुड़े फर्जी ईमेल भेज रहे हैं।
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