नोएडा से ऑनलाइन ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दंपति ने गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया और उस पर कॉल मिलाई। थोड़ी देर बाद पीड़ित को मैसेज आया कि उसके अकाउंट से 8 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है।
गुजरात में अपने गृहनगर जाने के लिए एक व्यक्ति द्वरा टैक्सी बुक करने की कोशिश की गई। मुंबई पुलिस ने इस मामले पर बताया कि साइबर ठगों द्वारा एक लिंक भेजकर 101 रुपये के पेमेंट को कंफर्म करने को कहा गया।
अब आप ये भूल जाएं कि ये जालसाज अब ओटीपी आधारित तरीकों से पैसे चुराते हैं। क्योंकि अब बाजार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित टूल्स मौजूद हैं जिसके आधार पर अब जालसाज फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं।
फोन के जरिए साइबर फ्रॉड के मामले में बीते कुछ सालों में तेजी देखने को मिली है। इस मुद्दे पर नेटफ्लिक्स पर जामताड़ा नाम की फिल्म भी बनी है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे साइबर फ्रॉड के जरिए लोगों को कई तरीकों से लूटा जा रहा है। टेक्नोलॉजी के दौर में चोर भी एडवांस हो चुके हैं।
दस्तगीर ने कहा था, "यह बहुत चिंताजनक था और इसकी जांच की जानी चाहिए कि क्या हमारी बिजली वितरण प्रणाली को हैक कर कोई विदेशी हस्तक्षेप किया गया था।"
व्यक्ति अपने और अपनी पत्नी के इलाज के लिए पतंजलि योगपीठ हरिद्वार की वेबसाइट का पता ढूंढ रहे थे और गूगल पर एक नंबर मिला। उन्होंने नंबर डायल किया और योगपीठ में कमरा बुक करने के लिए 15,000 रुपये जमा करने को कहा।
साइबर अपराध के सर्वाधिक मामले अब उत्तर प्रदेश के मथुरा, राजस्थान के भरतपुर और हरियाणा के मेवात से रिपोर्ट किए जा रहे हैं।
यह चिप ऐसे सफाई से चिपकाई जाती और ऐसी दिखती थी कि किसी को भी नहीं पता चलता कि पैसे आने की जगह रोकी गई है। ऐसे में कैश ड्राइवर से पैसे बाहर नहीं निकलते और अंदर ही रुक जाते थे।
माटुंगा पुलिस की साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की, तब उन्हें जानकारी मिली कि जिस मोबाइल से यह ट्रांजेक्शन हुआ है उसी पैसे से दिल्ली के क्रोमा शोरूम से तीन मोबाइल बूक किए गए हैं।
धोखाधड़ी के शिकार न हो इसके लिए जरूरी है कि आप हमेशा सावधान रहें और अपने मोबाइल में कुछ जरूरी बदलाव करें।
साइबर अपराध के गढ़ के तौर पर कुख्यात हो चुका झारखंड का जामताड़ा जिला ‘पुलिस की पाठशाला’ नामक एक अनूठा अभियान चलाकर इस छवि को दूर करने की कोशिस में लगा है।
पिछले दिनों बात सामने आई थी कि एम्स के सर्वरों पर चीनी हैकरों ने हमला किया था। चीनी हैकरों ने 5 फिजिकल सर्वरों को हैक भी कर लिया था। हालांकि बाद में डाटा को रीट्राइव कर लिया गया है।
ग्रेटर नोएडा में ये शातिर आपराधी अपने आप को एक विदेशी फार्मास्यूटिकल कंपनी का अधिकारी बताते थे और ऐश्वर्या राय समेत कई बॉलीवुड कलाकारों के फर्जी पासपोर्ट को साथ रख लोगों के साथ ठगी और साइबर अपराध करते थे।
हैकर्स अब पहले से अधिक तेज और चालाक हो गए हैं। वह यूजर्स को ठगने के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे में उनसे बचने के लिए क्या कुछ किया जाना चाहिए। आइए समझते हैं।
मंत्री ने कहा, ''डाटा सुरक्षा महत्वपूर्ण विषय है। इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने नयी और समग्र कानूनी रूपरेखा बनाने के संबंध में मार्गदर्शन दिया है। इससे संबंधित दो विधेयक हैं। सदस्य इन पर अपनी राय दें।''
साउथ दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें भारतीय और नाइजीरियान नागरिक शामिल हैं।
बता दें कि इससे पहले एक अक्टूबर को आंध्र प्रदेश में विपक्षी तेलुगुदेशम पार्टी का ट्विटर अकाउंट भी हैक हुआ था। हालांकि, इसे बाद में रिस्टोर कर लिया गया। इसके बाद अब YSR कांग्रेस पार्टी का अकाउंट हैक होने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं।
अस्पताल का सर्वर नवंबर महीने में भी एक दिन डाउन रहा था। लेकिन डेटा को कोई नकुसान नहीं पहुंचा। इस अटैक को नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर द्वारा कंट्रोल किया गया और गड़बड़ी दूर कर ली गई।
AIIMS Cyber Attack: एम्स का सर्वर हैक होना कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि इसमें किसी दुश्मन देश का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। जिस तरह से एम्स पर यह घातक साइबर अटैक हुआ है, उसके तरीके की प्रारंभिक जांच और पड़ताल के बाद साइबर सुरक्षा एजेंसियों के भी होश उड़ गए हैं।
इससे पहले 23 नवंबर को दिल्ली एम्स की वेबसाइट पर साइबर अटैक हुआ था। जिससे पूरे अस्पताल का सर्वर डाउन हो गया था। पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होते ही मुख्य सर्वर डाउन होने से ऑनलाइन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई थीं।
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