साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। इसी कड़ी में डिजिटल अरेस्ट के भी काफी मामले सामने आ रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों को डिजिटल अरेस्ट से सतर्क रहने की अपील करते हुए चेतावनी दी है।
पिछले कुछ समय से जब भी हम किसी को कॉल करते हैं तो हमें कई बार ऐसा होता है कि हमें साइबर फ्रॉड से सावधान वाली कॉलर ट्यून सुनने को मिलती है। कई बार हमें किसी को जरूरी कॉल करनी होती है लेकिन मजबूरी में हमें इस ट्यून को पूरा सुनना पड़ता है। आपको बता दें कि आप इस कॉलर ट्यून को एक क्लिक में स्किप कर सकते हैं।
हरियाणा के फरीदाबाद में साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के साथ पॉलिसी पर ज्यादा रिटर्न के नाम पर 3.47 करोड़ रुपये की ठगी हो गई। यह ठगी एक या दो दिन नहीं, बल्कि कई सालों तक चली। ठगों ने पहले खुद को बैंक अधिकारी बताया और बाद में ज्यादा रिटर्न का लालच देकर पीड़ित को पॉलिसी खरीदने के लिए मजबूर किया।
पुलिस ने फर्जी कॉल करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। ये सभी लोग अमेरिकी नागरिकों को अपना निशाना बनाते थे। यहीं से फर्जी कॉल कर उनके बैंक अकाउंट को साफ कर देते थे।
महाकुंभ के दौरान ठगी के कई मामले सामने आए हैं। अपराधियों ने ठगी के लिए नामी होटलों की फर्जी वेबसाइट भी बना रखी हैं। इस बीच यूपी पुलिस ने लोगों को जागरुक करने के लिए एक वीडियो शेयर किया है।
फेसबुक अकाउंट में दावा किया गया है कि यह ‘‘जम्मू कश्मीर विभाग के एडीजीपी, निदेशक, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं, जम्मू कश्मीर’’ से जुड़ा है। पुलिस ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि इस फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल लोगों को गुमराह करने और उनके भरोसे का फायदा उठाने के लिए किया जा रहा है।
डिजिटल अरेस्ट का एक खतरनाक मामला बेंगलुरु से सामने आया है। यहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से करीब 12 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। इस केस में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।
आज डिजिटल पेमेंट ने हमें कई तरह से सुविधा दी है। हालांकि इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच अधिक होने के बाद अब ऑनलाइ फ्रॉड और स्कैम के मामले भी तेजी से बढ़ते हैं। पिछले कुछ दिनों में Jumped Deposit Scam के कई मामले सामने आ चुके हैं। आइए आपको बताते हैं यह क्या है और इससे कैसे बचें।
एक साइबर ठग ने खुद को ब्रैड पिट बताकर महिला को अपने प्यार के जाल में फंसाया और फिर उससे करोड़ों रुपए ऐंठने के बाद फरार हो गया। महिला को भी इस बात पर यकीन हो गया कि वह इस ब्रैड पिट को डेट कर रही है।
राजस्थान में साइबर ठगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है। साइबर ठगों ने अपने गांव को छोड़ दिया है और खेतों के बीच लगे फसलों के बीच में अपना आशियाना बनाकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने इस बीच 6 ठगों के गिरफ्तार किया है।
DoT ने एक बार फिर से साइबर क्राइम पर बड़ा प्रहार करते हुए करीब 35 हजार वाट्सऐप नंबर को ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने हजारों वाट्सऐप ग्रुप्स और चैनल्स पर भी प्रतिबंध लगाने का काम किया है।
युवक को जैसे ही फ्रॉड का पता चला, उसने सबसे पहले एसबीआई कस्टमर केयर में कॉल कर इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही, युवक ने अपने नजदीकी पुलिस थाने और साइबर क्राइम सेल में भी इसकी शिकायत दर्ज कराई। युवक को एसबीआई में शिकायत करने का कोई फायदा नहीं मिला, बल्कि बैंक के कर्मचारी पीड़ित को ही लापरवाह बताने लगे।
बिहार में साइबर ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसे देखकर पुलिस भी हैरान है। साइबर ठग महिलाओं को प्रेग्नेंट करने वाले को पांच लाख और नहीं कर पाने पर 50 हजार रुपये का ऑफर दे रहे थे।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ को लेकर बुकिंग्स शुरू हो चुकी हैं। इसी बीच साइबर फ्रॉड भी लोगों का पैसा उड़ाने के लिए एक्टिव हो गए हैं। फर्जी बुकिंग के नाम पर ये साइबर अपराधी लोगों से उनके पैसे लूट रहे हैं।
दिल्ली वेस्ट पुलिस की साइबर टीम ने तुषार बिष्ट नाम के शातिर साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया, जो खुद को अमेरिकी मॉडल बताकर महिलाओं को फंसाता था। वह फर्जी प्रोफाइल बना कर महिलाओं से प्राइवेट तस्वीरें और वीडियो ब्लैकमेल कर पैसे वसूलता था।
बिहार में इस साल 'डिजिटल अरेस्ट' के आए मामले के आंकड़े जारी किए गए हैं। ठग अलग-अलग देशों से कॉल करते हैं और बिहार के लोगों को फंसा लेते हैं।
जामताड़ा और हजारीबाग पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए साईबर अपराधियों और शराब तस्करों को गिरफ्तार किया। जामताड़ा में 4 अपराधी पकड़े गए और 1.14 लाख रुपये बरामद किए, जबकि हजारीबाग में 6 तस्करों से अवैध स्प्रिट और वाहन जब्त किए गए।
अगर आप भी महाकुंभ के लिए किसी चीज की ऑनलाइन बुकिंग कर रहे हैं तो सावधान हो जाइये। पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों को ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर ठगते थे।
गांव के लोगों का कहना है कि आरोपियों ने नौकरी लगवाने के नाम पर कई लोगों से पैसे लिए थे और शिकायत दर्ज होने पर कुछ पैसे लौटाए भी थे। वहीं, उनके परिवार के लोगों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि कैसे करोड़ों रुपये उनके खाते में आए और निकल गए।
इस गिरोह के सदस्य कम पढ़े लिखे लोगों को अपना शिकार बनाते थे। आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने अब तक 1931 लोगों को अपना शिकार बनाया है और लगभग 9 करोड़ रुपये ठगे हैं।
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