C VC की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि करप्शन के 600 से ज्यादा आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन के लिए 171 मामले विभिन्न सरकारी विभागों की मंजूरी के वास्ते लंबित हैं।
Supreme Court: CJI एन वी रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने 8 याचिकाओं पर केंद्र, सीवीसी और मौजूदा ED डायरेक्टर सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए।
संजय कोठारी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद की शपथ दिलवाई।
कांग्रेस ने संजय कोठारी को मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और बिमल जुल्का को केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को उनके ईमानदार वाणिज्यिक फैसलों का बचाव करने का आश्वासन देते हुए शनिवार को कहा कि सरकार ने ऐसे मामलों में जांच एजेंसियों की प्रताड़ना संबंधी चिंताओं को कम करने के उपाय करने का फैसला किया है।
देश में बैंक करीब पांच साल से उच्च मात्रा में फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके कारण बैंकों का नेटवर्थ कम हो रहा है।
बैंक अधिकारी अब बिना किसी भय के फैसले कर सकेंगे। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने 50 करोड़ रुपए से अधिक की बैंक धोखाधड़ी की जांच को लेकर सलाहकार बोर्ड का गठन किया है। पूर्व सतर्कता आयुक्त टी एम भसीन इस बोर्ड के प्रमुख होंगे।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने 50 करोड़ रुपए से ज्यादा के बैंक फ्रॉड की जांच के लिए एडवायजरी बोर्ड फॉर बैंक फ्रॉड्स (एबीबीएफ) बोर्ड का गठन किया है। पूर्व सतर्कता आयुक्त टीएम भसीन को इस बोर्ड का प्रमुख बनाया गया है। यह बोर्ड जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई के लिए सिफारिश करेगा।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने कुछ सेवारत और सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों को भष्टाचार से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार करने की मंजूरी मांगी है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1979 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के अधिकारी वर्मा का तबादला महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था।
8 पेज की CVC रिपोर्ट में आलोक वर्मा पर ना सिर्फ गंभीर आरोप हैं बल्कि साफ लिखा है कि उनके खिलाफ जो शिकायतें मिली हैं, जो इल्जाम हैं और जो सबूत दिए गए हैं उनकी जांच जरूरी है और यही वजह है कि आलोक वर्मा का CBI डायरेक्टर पद पर रहना ठीक नहीं होगा।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) द्वारा उसकी जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों के कारण आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटना पड़ा।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में अफसरों के विवाद के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 29 नवंबर तक टल गई। सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट और उसपर वर्मा के जवाब पर सुनवाई हो रही थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा को झटका दिया है। वर्मा को आज दोपहर 1 बजे तक सीवीसी रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करना था।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को CBI मामले में CVC की रिपोर्ट पर सुनवाई की। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी।
उच्चतम न्यायालय सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की उस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है जिसमें उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच, उन्हें ड्यूटी से हटाकर छुट्टी पर भेजने के सरकारी आदेश को चुनौती दी गई थी।
देश के सबसे पेचीदा अपराधों और विवादों को सुलझाने के लिए काम करने वाली CBI आजकल खुद विवादों के घेरे में हैं।
वर्मा और अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद विवाद काफी गहरा गया था।
अधिकारियों ने बताया कि इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस ए.के.पटनायक भी मौजूद थे।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा ने केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त के वी चौधरी से मुलाकात की और माना जा रहा है कि उन्होंने जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से इंकार किया है।
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