वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ही कोवडि-19 को एक दैवीय घटना बताते हुए कहा था कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई देगा और चालू वित्त वर्ष में इसमें बड़ा संकुचन आएगा।
विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2019-2020 में भारत के लिए पांच प्रतिशत विकास दर का अनुमान लगाया है।
इस साल अप्रैल में 10.88 लाख रोजगार सृजित हुए। यह पिछले साल इसी महीने में हुये 10.77 लाख रोजगार सृजन के मुकाबले थोड़ा अधिक है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने फरवरी महीने में वित्त वर्ष 2018-19 की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया था
रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा मुदास्फीति को ध्यान में रखता है।
सीएसओ ने कहा कि 2017-18 के लिए पहला संशोधित अनुमान अब उद्योगवार और संस्थानों के आधार पर विस्तृत सूचना को शामिल करते हुए जारी किया गया है।
विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आने से वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत दर्ज की गई।
देश में जून तक दस माह की अवधि के दौरान करीब 1.2 करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
देश में इस साल जून तक दस माह की अवधि के दौरान करीब 1.2 करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
भारत में औद्योगिक गतिविधियां एक बार फिर से पटरी पर आती दिखाई दे रही हैं। आज जारी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़ों के मुताबिक जून में आईआईपी ग्रोथ 7 फीसदी पहुंच गई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को दोतरफा झटका लगा है। एक तरफ जहां जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जून में बढ़कर 5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई वहीं मई में औद्योगिक उत्पादन (IIP) की ग्रोथ घटकर 3.2 फीसदी रह गई।
पूंजीगत सामान उत्पादन में गिरावट तथा खनन गतिविधियां कमजोर पड़ने के कारण देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) मार्च महीने में 4.4 प्रतिशत बढ़ा। औद्योगिक उत्पादन में पांच महीने में यह सबसे निम्न वृद्धि दर है।
आर्थिक गतिविधियों के मोर्चे पर सुधार का संकेत देते हुए औद्योगिक उत्पादन फरवरी महीने में 7.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि थोक मुद्रास्फीति मार्च महीने में 4.28 प्रतिशत पर पांच माह के निचले स्तर पर आ गई। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के आरंभिक अनुमानों के अनुरूप केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2016-17 में इसके 7.1 फीसदी रहने का संशोधित अनुमान जारी किया है।
उद्योग संघ FICCI ने आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण में आज यह संभावना जताई। अप्रैल-जुलाई तिमाही में GDP वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई थी
भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की विकास दर वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में घटकर 5.7 प्रतिशत रही है।
रिजर्व बैंक की नीति के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि दो अगस्त को रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है।
8 नवंबर को जहां एक झटके में देश में चल रहे 86 प्रतिशत नोट को बंद कर दिया गया वहीं भारत की GDP ग्रोथ रेट पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है।
CSO चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के जीडीपी अनुमान कल जारी करेगा। दिसंबर तिमाही के इन आंकड़ों में नोटबंदी का प्रभाव सामने आने की उम्मीद है।
देश की थोक मूल्य कीमतों पर आधारित वार्षिक महंगाई दर दिसंबर 2016 में बढ़कर 3.39 फीसदी रही है। नवंबर माह में यह दर 3.15 फीसदी थी।
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