प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आभासी मुद्राओं से देश की आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता को लेकर कई गहरी चिंताएं जुड़ी हुई हैं।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास लगातार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जताते रहे हैं। उनका कहना है कि इससे बहुत गहरी चिंताएं जुड़़ी हुई हैं।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने आठवें एसबीआई बैंकिंग एवं आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े गहरे मुद्दों पर गहन विमर्श की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने को सख्त नियामकीय कदम उठा सकती है।
समिति के अध्यक्ष ने कहा कि क्रिप्टो वित्त से संबंधित उन अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी, जिसका सामना तेजी से विकसित हो रहे उद्योग के चलते नियामकों और नीति निर्माताओं को करना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मुद्दों पर एक बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सरकारी सूत्र ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर बढ़ा-चढ़ाकर वादे करने, गैर-पारदर्शी विज्ञापनों से युवाओं को गुमराह करने की कोशिश बंद होनी चाहिए।
इस बारे में बात करते हुए रविन्द्रा पोटदार ने कहा पहले भारत में निर्मित क्रिप्टो की शुरूआत को लेकर मैं और मेरी टीम बेहद उत्सुक हैं। हमने क्रिप्टो को खरीद के लिए सस्ती दरों पर उपलब्ध करानेका लक्ष्य रखा है, ताकि कोई भी खरीददार इसे खरीद सके।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति न देने संबंधी अपने विचारों को दोहराते हुए कहा कि यह केंद्रीय बैंकों के दायरे में नहीं आती है।
कॉइनस्विच ने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल वह घरेलू बाजार में क्रिप्टो का एक नाम बनाने के साथ-साथ देश में क्रिप्टो उद्योग के बारे लोगों को समझाने के लिए करेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। प्रस्तावित विधेयक उसके सामने है।
चीन के बिटकॉइन की माइनिंग पर सख्ती करने और क्रिप्टो करेंसीज की ट्रेडिंग पर बंदिशें लगाने से क्रिप्टो मार्केट में कुछ सप्ताह पहले काफी गिरावट आई थी।
केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर काम कई वर्षों से चल रहा है। प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन के माध्यम से डिजिटल करेंसी ने बहुत अधिक लोकप्रियता हासिल कर ली है।
क्रिप्टोकरेंसीज की आसमान छूती कीमतों के बीच हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या भारत में हम बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है, जिसमें उनकी यूनिट को जनरेट करने और फंड के ट्रासंफर को वेरीफाई करने में एनक्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
रिजर्व बैंक ने 2018 में वर्चुअल माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले व्यापार पर एक तरह से प्रतिबंध लगा दिया था
क्या भारत में लगने वाला है क्रिप्टोकरेंसी पर बैन.. क्या है क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन का मसला.. क्या है भारत सरकार का प्लान? जानिए पूरा मुद्दा
बिटकॉइन जैसी किप्टो करेंसी की चर्चा आज कल जोरों पर है। भारत में भी सरकार से इस पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने की मांग की जा रही है।
राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) ने बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी का विरोध करते हुए कहा कि वह 5 डॉलर में भी बिटकॉइन को नहीं खरीदेंगे।
ठाकुर ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी पर एक बिल को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।
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