आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उभरते बाजारों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खासतौर से एक चुनौती है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में क्रिप्टोकरेंसी और परिसंपत्तियों को अपनाना अधिक आकर्षक लगता है।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी वाले लोकतंत्र सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के अपने अनुभव साझा करने में भारत को खुशी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘लोकतंत्र सिर्फ जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए ही नहीं है, बल्कि जनता के साथ , जनता में समाहित भी है।’’
क्रिप्टो पर जारी असमंजस के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए स्थिति स्पष्ट की है।
आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। और आज ही सरकार तीनों कृषि कृषि कानूनों की वापसी के लिए बिल पेश करेगी। हालांकि सदन में MSP को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी।
अहमदाबाद में डिजिटल ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ हुआ है। जांच में पता चला है कि ड्रग्स का ये पूरा कारोबार डार्क वेब के जरिए क्रिप्टोकोर्रेंसी के माध्यम से होता था।
आजकल क्रिप्टोकरेंसी काफी चर्चा में है। क्या है इसका बड़ा सच? क्या यह भारत में बैन हो सकता है? इसी पर इंडिया टीवी के संवाददाता निर्णय कपूर ने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट सनी वाघेला से बातचीत की।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में लोगों ने अब तक क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी लगा दी है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिए जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किए थे और कहा था कि ये वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा है।
राजन आगे तर्क देते हुए कहा कि अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी का वजूद सिर्फ इसलिए है क्योंकि केवल इसलिए है मूर्ख लोग उन्हें खरीदना चाहते हैं। इनकी कीमतों में एक दम उछाल आना भी ऐसे निवेशकों को आकर्षित करता है।
देश में लगभग 9-10 करोड़ लोगों का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। अभी तक लोगों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये डिजिटल करेंसी के रूप में इन्वेस्टमेंट किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आभासी मुद्राओं से देश की आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता को लेकर कई गहरी चिंताएं जुड़ी हुई हैं।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास लगातार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जताते रहे हैं। उनका कहना है कि इससे बहुत गहरी चिंताएं जुड़़ी हुई हैं।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने आठवें एसबीआई बैंकिंग एवं आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े गहरे मुद्दों पर गहन विमर्श की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने को सख्त नियामकीय कदम उठा सकती है।
समिति के अध्यक्ष ने कहा कि क्रिप्टो वित्त से संबंधित उन अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी, जिसका सामना तेजी से विकसित हो रहे उद्योग के चलते नियामकों और नीति निर्माताओं को करना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मुद्दों पर एक बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सरकारी सूत्र ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर बढ़ा-चढ़ाकर वादे करने, गैर-पारदर्शी विज्ञापनों से युवाओं को गुमराह करने की कोशिश बंद होनी चाहिए।
इस बारे में बात करते हुए रविन्द्रा पोटदार ने कहा पहले भारत में निर्मित क्रिप्टो की शुरूआत को लेकर मैं और मेरी टीम बेहद उत्सुक हैं। हमने क्रिप्टो को खरीद के लिए सस्ती दरों पर उपलब्ध करानेका लक्ष्य रखा है, ताकि कोई भी खरीददार इसे खरीद सके।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति न देने संबंधी अपने विचारों को दोहराते हुए कहा कि यह केंद्रीय बैंकों के दायरे में नहीं आती है।
कॉइनस्विच ने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल वह घरेलू बाजार में क्रिप्टो का एक नाम बनाने के साथ-साथ देश में क्रिप्टो उद्योग के बारे लोगों को समझाने के लिए करेगी।
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