केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में वृद्धि होने की वजह से घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के उपभोक्ता मूल्य में बढ़ोतरी हो रही है।
पिछले 13 बार की बढ़त में पेट्रोल 3 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो गया है। वहीं डीजल में साढ़े 3 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा की बढ़त देखने को मिल चुकी है।
2 दिन की स्थिरता से पहले कीमतों में लगातार 12 दिनों से बढ़त देखने को मिल रही थी। इस दौरान पेट्रोल 3 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो गया है। वहीं डीजल में करीब साढ़े 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़त देखने को मिल चुकी है।
दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का भाव रविवार को बिना किसी बदलाव के क्रमश: 90.58 रुपये, 91.78 रुपये, 97 रुपये और 92.59 रुपये प्रति लीटर बना रहा
दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल करीब 4 रुपये से ज्यादा महंगा हो गया है। इसी के साथ डीजल मे भी करीब 4 रुपये की ही बढ़त देखने को मिली है। नए साल में अब तक कीमतों में 15 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो चुका है।
दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल करीब 4 रुपया महंगा हो गया है। इसी के साथ डीजल भी करीब 4 रुपये की ही बढ़त देखने को मिली है। नए साल में अब तक कीमतों में 14 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो चुका है।
दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल और डीजल करीब साढ़े 3 रुपया प्रति लीटर महंगा हो गया है। नए साल में अब तक कीमतों में 13 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल 3.24 रुपया महंगा हो गया है। इसी के साथ डीजल 3.26 रुपये महंगा हो चुका है। नए साल में अब तक कीमतों में 12 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
सरकार ने कंपनियों पर पिछली तारीख से कर लगाने की व्यवस्था के तहत केयर्न से कर मांग की थी। हालांकि, कंपनी अब उक्त कर मांग के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय पंचाट में जीत हासिल कर चुकी है। पंचाट ने सरकार को केयर्न के बेचे शेयरों का मूल्य, जब्त किये गये लाभांश और रोके गये कर रिटर्न को लौटाने के लिये कहा है।
कच्चे तेल की कीमतें 10 महीने से ज्यादा समय के उंचे स्तर पर चली गई हैं। घरेलू एवं वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी जारी है।
अप्रैल से नवंबर के दौरान, भारत का तेल उत्पादन छह प्रतिशत घटकर दो करोड़ 4 लाख टन रह गया। इस दौरान राजस्थान से कच्चे तेल का उत्पादन 16 प्रतिशत घटकर 39.1 लाख टन रह गया।
अमेरिका के कच्चे तेल के भंडार में अनुमान से तेज गिरावट देखने को मिली है। दिसंबर 11 को खत्म हुए हफ्ते में क्रूड इन्वेंटरी 31 लाख बैरल घट गई। हालांकि पहले 19 लाख बैरल की कमी का अनुमान था।
सरकार ने गुरुवार (26 नवंबर) को कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर मूल सीमा शुल्क घटाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया है।
तेल विपणन कंपनियों ने डीजल के दाम में 48 दिनों की स्थिरता के बाद बढ़ोतरी की है, जबकि पेट्रोल के दाम में सितंबर से ही स्थिरता बनी हुई थी।
कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीदों से बाजार में तेजी लौटी है। उधर, चीन में अक्टूबर महीने के औद्योगिक उत्पादन के अच्छे आंकड़े आए हैं जिससे बाजार को सपोर्ट मिला है। तेल उत्पादक व निर्यातक देशों का संगठन ओपेक और इसके सहयोगी उत्पादन में रोजाना 77 लाख बैरल की कटौती कर रहे हैं।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा कि क्रूड ऑयल की कीमतों में कोई भारी तेजी हाल-फिलहाल आने की संभावना नहीं है।
भारत में तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पिछले एक माह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लगभग स्थिर रखा है और इनमें कोई बदलाव नहीं किया है।
सरकार ने अप्रैल-मई में कच्चे तेल की कीमतों के दो दशक के निचले स्तर पर चले जाने के दौरान इन कच्चे तेल की भंडारण सुविधाओं को भर लिया था। इस खरीद से उसे 68.51 करोड़ डॉलर या 5,069 करोड़ रुपये की बचत करने में मदद मिली।
अगर क्रूड में 20 फीसदी की कमी आती है तो पेट्रोल और डीजल में 5 फीसदी कमी की जा सकती है। लिहाजा पेट्रोल और डीजल 2.5 से 3 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो सकता है।
अगर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट बनी रहती है तो तेल की खुदरा कीमतों में राहत की संभावना बढ़ेगी। ब्रेंट क्रूड फिलहाल 40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे के स्तर पर आ गया है। वहीं WTI 38 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है।
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