संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के ऊर्जा मंत्री सुहैल-अल-मजरूई ने रविवार को कहा कि ओपेक और संबद्ध देशों के बीच ‘पूर्ण करार’ हो गया है। पूर्व में इन देशों के बीच विवाद से तेल की कीमतें प्रभावित हुई थीं।
ओपेक देश के बीच रखे गये प्रस्ताव के मुताबिक कीमतों में कमी के लिये उत्पादन को 20 लाख बैरल प्रति दिन बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। जिसपर अब सहमति की उम्मीद बन गयी है।
देश के 18 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल ने 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर लिया है। जबकि राजस्थान और ओडिशा में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक के दाम पर बिक रहा है।
बीते करीब 6 हफ्तों में ही पेट्रोल 10.24 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। वहीं डीजल 8.83 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
मांग बढ़ने तथा आपूर्ति कम होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर तक चली गयी है जो अप्रैल 2019 के बाद सर्वाधिक है।
ओएनजीसी का उत्पादन चक्रवात ‘ताउते’ की वजह से माह के दौरान करीब दस प्रतिशत कम रहा है। केजी डी6ब्लॉक से उत्पादन बढ़ने से गैस उत्पादन मे बढ़त दर्ज हुई है।
रिसर्च रिपोर्ट की माने तो अगले 18 महीनों के दौरान दुनिया भर में तेल की मांग में बढ़त तेल के उत्पादन में बढ़त की दर को पीछे छोड़ सकती है. इससे इन्वेंटरी में गिरावट आयेगी और कीमतों में बढ़त देखने को मिलेगी।
मार्च 2021 में डब्ल्यूपीआई मंहगाई दर 7.39 प्रतिशत और अप्रैल 2020 में ऋणात्मक 1.57 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मंहगाई दर में लगातार चौथे महीने तेजी हुई है।
विदेशी बाजारों में क्रूड की कीमतें में गिरावट देखने को मिल रही है। ब्रेंट क्रूड 17 मार्च के बाद से 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चल रहा है। फिलहाल कीमतें 63 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आ गई है।
सूत्रों के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और तीन अन्य रिफाइनरी कंपनियों ने मई में सऊदी अरब से 1.5 करोड़ बैरल के मासिक औसत की तुलना में सिर्फ 65 प्रतिशत की खरीद करने का फैसला किया है।
बीते 10 दिनों से ब्रेंट क्रूड की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे चल रही हैं। हालांकि बीते महीने कीमतें 71 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। आने वाले समय में उत्पादन बढ़ने से कीमतों में और गिरावट दर्ज हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम, जिसके आधार पर रिटेल कीमत तय की जाती है, पिछले कुछ दिनों से नरम बने हुए हैं।
आज ब्रेंट क्रूड की कीमत 63.13 डॉलर प्रति बैरल के दिन के निचले स्तर तक पहुंच गई। पिछले सत्र में ब्रेंट क्रूड 64.57 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ था। मार्च के महीने में ही कीमत 71.38 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गई थी।
देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अगस्त, 2019 में घोषणा की थी कि ओ2सी कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए अरामको के साथ बातचीत चल रही है।
1869 में निर्मित इस नहर पर इजिप्ट का कब्जा है और मानव-निर्मित इस नहर पर ही इजिप्ट की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। 2020 में इजिप्ट ने स्वेज नहर पर टोल से 5.61 अरब डॉलर का शुल्क प्राप्त किया था।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज कटौती की गई है। बुधवार को जारी नए रेट के मुताबिक डीजल 17 और पेट्रोल 18 पैसे सस्ता हुआ है। जानकारों की माने तो क्रूड कीमतों में मौजूदा गिरावट जारी रही तो कीमतों में जल्द और राहत भी मिल सकती है।
कच्चा तेल फिलहाल 65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आ गया है। 3 मार्च को कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई थी, यानि कीमतों में इस दौरान 7 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज हो चुकी है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में फिर कच्चे तेल में तेजी लौटी। कच्चे तेल के दाम में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन मजबूत बढ़त के साथ कारोबार चल रहा था और बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव 69 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर बना हुआ था।
विधानसभा में पेट्रोल-डीजल की कीमतों के नियमन पर आम चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक हिमा शांगपलिआंग ने इस बात की जानकारी दी।
27 फरवरी के बाद से कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वहीं बीते महीने में कुल 14 दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े थे, वहीं इस दौरान एक बार भी कीमतो में कटौती नहीं की गई।
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