भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात लगातार बढ़ता जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वक्त में भारत रूस से रोजाना 10 लाख बैरल तेल आयात कर रहा है। इससे रूस के तेल पर प्राइस कैप लगाकर उसे झुकाने की योजना भी फेल हो गई है। भारत कुल कच्चे तेल का 25 फीसदी हिस्सा अकेले रूस से खरीद रहा है। यह तेल उसे काफी सस्ता भी पड़ रहा है।
Russia European Union: युद्ध में यूक्रेन की मदद करने वालों पर शुरू से ही रूस की पैनी नजर है। राष्ट्रपति पुतिन यूरोपीय संघ समेत अमेरिका और आस्ट्रेलिया को पहले भी इसके लिए कई बार चेतावनी भी दे चुके हैं, लेकिन अमेरिका और नाटो देंशों की ओर से यूक्रेन को मदद जारी है। इससे पुतिन अब गुस्से में आ गए हैं।
भारत में लगातार बढ़ रही तेल की कीमतों पर जल्द ही लगाम लगने वाली है। हमारा मित्र देश रूस इसके लिए मदद करने की पेशकश कर रहा है। आइए जानते हैं कि इससे आम जनता को कितना फायदा होगा।
Russia Sought Help from India Regarding Oil Prices: रूस और यूक्रेन युद्ध में इन दोनों देशों की आर्थिक हालत तो खस्ता हो ही रही है, मगर दुनिया के अन्य देशों में भी तंगी पैर पसार चुकी है। यूक्रेन पर युद्ध के चलते अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे रूस तौबा करने लगा है।
Xi Jinping Visit to Saudi Arabia: चीन में लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद शी जिनपिंग पहली बार सऊदी अरब की यात्रा पर हैं। चीनी राष्ट्रपति का यह दौरा अकारण ही नहीं है, बल्कि इसके कई आर्थिक और सामिरक मकसद हैं। हाल ही में अमेरिका ने रूस के तेल पर प्राइस कैप लगा दिया है।
Russia offered cheap oil to Pakistan, America angry: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच राष्ट्रपति पुतिन के एक रियायती ऑफर ने पाकिस्तान को बड़ी मुश्किल में फंसा दिया है। दरअसल अमेरिका की अगुवाई में जी-7 देशों द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर 60 डॉलर प्रति बैरल का प्राइस कैप लगा दिया गया है।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन प्रतिबंधों से रूसी तेल की पहुंच वैश्विक बाजार से कितनी दूर हो सकती है।
ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि यूरोपीय संघ की ओर से रूस से आने वाले कच्चे तेल के दाम तय करने का भारत पर कोई खास असर नहीं होगा।
सरकार ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच इस साल जुलाई से पेट्रोल डीजल और एटीएफ के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। भारत अमेरिका, यूरोप सहित कई देशों को पेट्रोल और डीजल का निर्यात भी करता है।
सरकार ने अमेरिका के नेतृत्व वाले जी7 समूह की उस योजना में शामिल होने की कोई इच्छा प्रकट नहीं की है जिसमें रूस के राजस्व को सीमित करने के मकसद से उससे खरीदे गये तेल के दाम की सीमा तय करने का प्रस्ताव रखा गया है।
Crude Oil Price: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते मार्च में कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी जो 2008 के बाद अब तक का उच्चतम स्तर था।
Crude Oil: भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का भाव आठ सितंबर को 88 डॉलर प्रति बैरल बैठ रहा था। अप्रैल में यह औसत 102.97 अरब डॉलर प्रति बैरल था।
Good News: देश में 5 रुपये सस्ता हो सकता है Petrol-Diesel, कच्चा तेल लुढ़कर 88 डॉलर प्रति बैरल पर आया Good News Petrol Diesel may be cheaper by Rs 5 in the country crude oil fell to 88 dollar per barrel
सीतारमण ने कहा, ‘‘जब हमने इस बारे में सुझाव दिया, तो हमने उद्योग जगत से कहा था कि हर 15 दिनों में कर की दर की समीक्षा की जाएगी और हम ऐसा कर रहे हैं।’’
अमेरिका ने शुक्रवार को भारत से कहा कि वह रूसी तेल की मूल्य सीमा तय करने वाले गठजोड़ में शामिल हो।
एक तरफ पाकिस्तान (Pakistan) महंगाई की चपेट में है। लोगों के पास खाने के लाले पड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की सरकार (Pakistan Government) पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1 सितंबर से 20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने जा रही है।
OPEC और उसके सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) ने कहा कि वे अगले महीने 1,00,000 बैरल प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाएंगे जबकि जुलाई और अगस्त में यह 6,48,000 बैरल प्रतिदिन था।
Levy on Crude Oil: आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक, डीजल के निर्यात पर कर जहां 11 रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, वहीं एटीएफ पर इसे खत्म करने का फैसला लिया गया है।
सरकार के इस फैसले का फायदा रिलायंस जैसी रिफाइन ईंधन का निर्यात करने वाली कंपनियों को होगा।
India-Russia: सऊदी अरब को पीछे छोड़ते हुए रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्ति करने वाला देश बन गया है। वहीं अब भारत ने रूस के साथ रुपए में कारोबार करने की योजना बनाई है।
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