अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते हफ्ते कच्चे तेल के दाम में फिर तेजी लौटी है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव फिर 63 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया है और आगे और तेजी रहने की संभावना जताई जा रही है।
कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को मई महीने की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी हो सकते हैं। अप्रैल में डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर 3.1 फीसदी दर्ज की गई थी।
जिस दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आए हैं, उस दिन यानि 23 मई से लेकर अबतक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 14 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
बढ़ते वैश्विक व्यापारिक तनाव की वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में पिछले महीने भारी गिरावट आई है।
अमेरिका के प्रतिबंधों से मिली छूट की अवधि इस महीने की शुरुआत में समाप्त होने के बाद भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। अमेरिका में भारत के राजदूत ने यह जानकारी दी।
अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि निर्यातकों की डॉलर बिकवाली तथा विदेशी निधियों के सतत निवेश के कारण भी रुपए की तेजी को मदद मिली है।
कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पड़ने से भी रुपए को तेजी मिली।
अमेरिका के ताजा आर्थिक आंकड़े उत्साहजनक रहने से अन्य एशियायी मुद्राओं के आगे भी डॉलर में मजबूती का रुझान रहा।
अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों में भारत को 2 मई के बाद छूट न दिए जाने की खबरों के बीच कच्चे तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। इस वजह से मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरकर बंद हुए।
सेंसेक्स 495.10 अंक टूटकर 38,645.18 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 158.35 अंक की गिरावट के साथ 11,594.45 अंक पर बंद हुआ।
फॉरेक्स डीलर्स ने कहा कि निर्यातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली करने से रुपए को समर्थन मिला। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का अनुमान जताए जाने से भी घरेलू मुद्रा को मजबूती मिली है।
मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 1212.35 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
अंतरबैंक मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को घरेलू मुद्रा कमजोरी के साथ 68.56 प्रति डॉलर पर खुली और इसने दिन के सबसे निम्नतम स्तर 69.21 को छुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी निधियों की धननिकासी, कच्चेतेल के बढ़ते मूल्य और घरेलू शेयरों में बिकवाली बढ़ने से रुपए का लाभ सीमित हो गया।
फॉरेक्स डीलर्स ने कहा कि विदेशी फंड के सतत निर्वाह और घरेलू शेयरों में भारी खरीदारी से रुपए को बल मिला, हालांकि अमेरिका डॉलर के मजबूत होने और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने इसे सीमित कर दिया।
एक साल पहले फरवरी, 2018 में आठ बुनियादी उद्योगों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही थी।
कच्चा तेल भी 0.38 प्रतिशत कमजोर होकर 65.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया बुधवार को 71.08 रुपए प्रति डॉलर पर लगभग अपरिवर्तित रुख के साथ खुला
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