गठबंधन कोरोना वायरस महामारी के दौरान उत्पादन में की गई कटौती को बहाल करने के लिए सावधानी से आगे बढ़ रहा है, जिसके चलते कच्चा तेल सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
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भारत का तेल आयात बिल 2020 की जून तिमाही में 8.8 अरब डॉलर था। कच्चे तेल के दाम में तेजी के कारण यह अब 24 अरब डॉलर पहुंच गया है।
विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित होने से रुपये की विनिमय दर में गिरावट आई।
बढ़ोत्तरी के बाद देश की राजधानी दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल का भाव 103.54 रुपये और डीजल की कीमत 92.12 रुपये हो गई है।
बीते 8 दिन में डीजल 2.15 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। वहीं बीते एक हफ्ते में पेट्रोल 1.2 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। ब्रेंट क्रूड के 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने से ये तेजी आई है।
सोमवार को ही ब्रेंट क्रूड की कीमत बढ़त के साथ 80.75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई थी, जो कि इसका 3 साल का उच्चतम स्तर भी था।
आपको बता दें कि IOCL की ओर से हर रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल डीजल की कीमतें जारी कर दी जाती है। सितंबर के महीने में दो बार कीमतों में कटौती दर्ज हुई है।
दो हफ्ते से ज्यादा वक्त से पेट्रोल और डीजल की कीमतों कोई बदलाव नहीं किया गया। सितंबर के दौरान दो बार में ईंधन कीमतें 30 पैसे कम हुई हैं
बता दें कि 17 जुलाई के बाद से तेल के दाम में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, वहीं कीमतों में कटौती जरूर हुई है।
तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस की अगुवाई में सहयोगी देशों ने बुधवार को धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाने को लेकर सहमति जतायी।
मोदी सरकार ने महंगाई को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इस संबंध में बड़े फैसला लिया है जिसकी जानकारी हम आपको इस खबर में दे रहे है।
लगातार तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, केरल, बिहार और पंजाब सहित 15 राज्यों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चले गए हैं।
एक से सात अगस्त के दौरान देश का कच्चे तेल का आयात 141 प्रतिशत बढ़कर 1.80 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं सोने का आयात 12.48 प्रतिशत घट गया।
ब्रेंट क्रूड बीते हफ्ते करीब 6 प्रतिशत लुढ़का था। ये बीते 4 महीने में ब्रेंट के लिये सबसे गिरावट वाला हफ्ता साबित हुआ। इसके साथ ही डब्लूटीआई में बीते हफ्ते 7 प्रतिशत की गिरावट रही है
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भी गुयाना से अपना पहला कच्चा तेल कार्गो जुलाई 2021 में खरीदा है और यूएस ग्रेड कच्चे तेल की वैकल्पिक खरीद के लिए यूएसए के साथ आवधिक अनुबंध किया है।
पेट्रोल और डीजल की महंगाई से परेशान आम लोगों को लगातार तीसरे दिन राहत मिली है।
यूएई मई 2022 से प्रति दिन 35 लाख बैरल का उत्पादन कर सकेगा। सऊदी अरब की दैनिक उत्पादन सीमा 1.10 करोड़ बैरल से बढ़ कर 1.15 करोड़ बैरल हो जाएगी।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के ऊर्जा मंत्री सुहैल-अल-मजरूई ने रविवार को कहा कि ओपेक और संबद्ध देशों के बीच ‘पूर्ण करार’ हो गया है। पूर्व में इन देशों के बीच विवाद से तेल की कीमतें प्रभावित हुई थीं।
मांग बढ़ने तथा आपूर्ति कम होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर तक चली गयी है जो अप्रैल 2019 के बाद सर्वाधिक है।
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