फार्मा सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर में तेज गिरावट दर्ज
कोरोना वायरस महामारी के बीच व्यापारियों के पास स्टोर करने के लिए जगह न होने के कारण तेल की कीमतें सोमवार को शून्य से नीचे गिर गईं
सोमवार रात को नायमेक्स पर मई वायदा के लिए कच्चे तेल की कीमतों ने निगेटिव डॉलर का निचला स्तर छुआ है, आसान भाषा में इस भाव को देखें तो हर एक ड्रम (बैरल) कच्चे तेल को खरीदने के लिए पैसे देने के बजाय 35 डॉलर मिल रहे हैं
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने मांग में 2.9 करोड़ बैरल प्रतिदिन की गिरावट का अनुमान दिया है
देश में 10 दिन की जरूरत पूरा करने लायक तेल के भंडार
सस्ते क्रूड की वजह से सरकार ने भूमिगत तेल भंडार भरने का फैसला लिया है
तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और उसके साथियों के उत्पादन में कटौती पर सहमति जताने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आने से सोमवार को एयरलाइन और तेल विपणन कंपनियों के शेयरों में गिरावट हुई।
तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक और रूस के बीच उत्पादन कटौती के करार से सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन और सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सौद को तेल समझौता करने के लिए शुक्रिया अदा किया है।
भारत के मुताबिक वो आने वाले समय में तेल की मांग बढाने में सबसे अहम बाजार बना रहेगा
मेक्सिको को छोड़कर प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने मई और जून में उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल की कटौती करने पर सहमति व्यक्त की है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह कहा था कि रूस और सउदी अरब अपने-अपने रुख से पीछे हटने और उत्पादन में कटौती को लेकर तैयार होंगे।
भारत ने 53 लाख टन क्षमता का आपातकालीन भूमिगत भंडार तैयार किया है।
कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए विभिन्न देशों ने लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंध और अन्य उपाय किए हैं, जिसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है।
कंपनी के मुताबिक तेल और गैस की कीमतें गिरने से कारोबार चला पाना मुश्किल हुआ
सूत्रों के मुताबिक ओपेक प्लस की बैठक अब 9 अप्रैल को हो सकती है।
ट्रंप ने गुरुवार को उम्मीद जताई थी कि सउदी अरब और रुस कच्चे तेल के उत्पादन में प्रतिदिन लगभग एक करोड़ बैरल की कमी करने के लिए तैयार हो गए हैं
कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुआ संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है, जिससे एशियाई बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें सोमवार को 17 साल के निचले स्तर पर जा पहुंची।
साल के ऊपरी स्तर से 66 फीसदी टूट चुका है ब्रेंट क्रूड
उत्पाद शुल्क बढ़ाने की वजह से पेट्रोल, डीजल के दाम स्थिर रहे
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