दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल और डीजल करीब साढ़े 3 रुपया प्रति लीटर महंगा हो गया है। नए साल में अब तक कीमतों में 13 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल 3.24 रुपया महंगा हो गया है। इसी के साथ डीजल 3.26 रुपये महंगा हो चुका है। नए साल में अब तक कीमतों में 12 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
कच्चे तेल की कीमतें 10 महीने से ज्यादा समय के उंचे स्तर पर चली गई हैं। घरेलू एवं वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी जारी है।
अप्रैल से नवंबर के दौरान, भारत का तेल उत्पादन छह प्रतिशत घटकर दो करोड़ 4 लाख टन रह गया। इस दौरान राजस्थान से कच्चे तेल का उत्पादन 16 प्रतिशत घटकर 39.1 लाख टन रह गया।
तेल विपणन कंपनियों ने डीजल के दाम में 48 दिनों की स्थिरता के बाद बढ़ोतरी की है, जबकि पेट्रोल के दाम में सितंबर से ही स्थिरता बनी हुई थी।
कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीदों से बाजार में तेजी लौटी है। उधर, चीन में अक्टूबर महीने के औद्योगिक उत्पादन के अच्छे आंकड़े आए हैं जिससे बाजार को सपोर्ट मिला है। तेल उत्पादक व निर्यातक देशों का संगठन ओपेक और इसके सहयोगी उत्पादन में रोजाना 77 लाख बैरल की कटौती कर रहे हैं।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा कि क्रूड ऑयल की कीमतों में कोई भारी तेजी हाल-फिलहाल आने की संभावना नहीं है।
भारत में तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पिछले एक माह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लगभग स्थिर रखा है और इनमें कोई बदलाव नहीं किया है।
अगर क्रूड में 20 फीसदी की कमी आती है तो पेट्रोल और डीजल में 5 फीसदी कमी की जा सकती है। लिहाजा पेट्रोल और डीजल 2.5 से 3 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो सकता है।
एक दिन पहले तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में आठ से नौ पैसे जबकि डीजल के दाम में 10 से 12 पैसे प्रति लीटर की कटौती की थी।
बीते सप्ताह बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब ढाई डॉलर प्रति बैरल की गिरावट दर्ज की गई। तेल मार्केटिंग कंपनियों ने शनिवार को दिल्ली, कोलकाता में शनिवार को डीजल के दाम में 13 पैसे प्रति लीटर की कटौती की थी।
ऑयल इंडिया के इतिहास में यह दूसरा तिमाही घाटा है। इससे पहले 2018-19 में कंपनी को तिमाही घाटा हुआ था।
अमेरिका के क्रूड स्टॉक में 1 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में 86 लाख बैरल की गिरावट
सभी तेल उत्पादक देश जुलाई में तेल उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती करने पर सहमत हुए थे। यह कुल वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है।
5 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी के बाद अब दिल्ली में पेट्रोल का भाव बढ़कर 74 रुपए प्रति लीटर और डीजल का भाव 72.22 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उससे संबद्ध देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में करीब एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती को जुलाई अंत तक एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है।
WTI क्रूड बढ़त के साथ 31 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंचा
भारत इस स्थिति का लाभ अपने तेल भंडारों को भरने के लिए कर रहा है ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके।
कंपनी के मुताबिक कीमतें इतनी नीचें हैं कि उनसे ऑपरेटिंग कॉस्ट भी नहीं निकल रही
दुनिया भर में जारी लॉकडाउन की वजह से क्रूड कीमतों में गिरावट जारी
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