गातार 16 दिन तक पेट्रोल और डीजल के भाव में कटौती या स्थिरता रहने के बाद फिर से तेल कंपनियों ने दाम बढ़ा दिए हैं। सोमवार को पेट्रोल की कीमतों में 9 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 13-14 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है
RBI ने जून में हुई पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था।
ईरान ने भारत को कच्चा तेल निर्यात जारी रखने के लिए ढुलाई पर बीमा सुरक्षा तथा अपने जहाज मुहैया कराना शुरू किया है। इससे सीधे जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल ईरान भारत को तेल निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हाल के दिनों में आई गिरावट के बाद अब तेल कंपनियों ने फिर से पेट्रोल और डीजल के दाम घटाना शुरू कर दिए हैं। रविवार को लगातार चौथे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की गई है और इस कटौती के बाद पेट्रोल का भाव 9 जुलाई के बाद सबसे निचले स्तर तथा डीजल का भाव 8 जुलाई के बाद सबसे निचले स्तर तक आ गया है।
पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में लगातार दूसरे दिन बड़ी गिरावट आई है। शनिवार को पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 15-15 पैसे प्रति लीटर कम हुए हैं। शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत में 16 पैसे प्रति लीटर की कमी आई थी।
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कमी आने की संभावना है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में पिछले नौ दिनों के दौरान 7 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आ चुकी है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों को संवैधिानिक रूप से वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में शामिल कर लिया गया है मगर डीजल और पेट्रोल पर जीएसटी की दरें कब से लागू होंगी इसपर फैसला जीएसटी परिषद लेगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजार ने आज मजबूती के साथ शुरुआत की है, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी मजबूती के साथ ट्रेड हो रहे हैं। फिलहाल सेंसेक्स 65.20 प्वाइंट की बड़त के साथ 36388.97 पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी 31.80 प्वाइंट बढ़कर 10968.65 पर ट्रेड हो रहा है।
पेट्रोल और डीजल की महंगाई की मार झेल रही आम जनता को कुछ राहत मिल सकती है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है जिसका फायदा तेल कंपनियों को हो रहा है और वह इस फायदे को आम जनता से बांटने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती हैं।
पिछले 20 दिन के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी या स्थिरता के बाद आज सोमवार को पहली कटौती हुई है। पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट और रुपए की रिकवरी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की तेल आयात करने की लागत कम हुई है और उन्होंने पेट्रोल और डीजल के दाम घटाना शुरू कर दिए हैं।
कच्चे तेल की अधिक कीमतों तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के अनुमान के बीच इस महीने के पहले दो सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों ने बांड बाजार से करीब 1,200 करोड़ रुपए की निकासी की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच महीनों में बांड बाजार से करीब 50 हजार करोड़ रुपए निकाले हैं।
देश का निर्यात जून महीने में 17.57 प्रतिशत बढ़कर 27.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं कच्चे तेल का आयात महंगा होने से व्यापार घाटा साढ़े तीन साल से अधिक के उच्चस्तर 16.6 अरब डॉलर हो गया।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगी महंगाई की आग कुछ शांत होने की उम्मीद बढ़ी है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भाव घटने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में 5 प्रतिशत से ज्यादा और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 6 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से किसी तरह की राहत नहीं मिल रही है, मंगलवार को लगातार छठे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए हैं। तेल कंपनियों ने मंगलवार को दिल्ली और कोलकाता में पेट्रोल का दाम 17 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया है जबकि मुंबई में 16 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह डीजल का दाम मंगलवार दिल्ली और कोलताता में 16 पैसे तथा मुंबई में 17 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बाद देश की तेल कंपनियों की तरफ से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी लगातार की जा रही है, सोमवार को लगातार पांचवें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों मे बढ़ोतरी की गई है। लगातार 5 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है उसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 81 पैसे और डीजल 69 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
डॉलर की लगातार मजबूती, विदेशी निवेश प्रवाह में कमी तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता की वजह से रुपए पर अभी दबाव बना रहेगा। बैंकरों का कहना है कि इस सप्ताह रुपया और टूटकर 70 रुपए प्रति डॉलर तक पहुंच जाएगा।
लगभग 5 हफ्ते तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती या स्थिरता के बाद तेल कंपनियों ने इस हफ्ते फिर से दाम बढ़ाना शुरू किए हैं और शनिवार को लगातार तीसरे दिन दाम बढ़ाए गए हैं। लगातार 3 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है उसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 43 पैसे और डीजल 38 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है।
Petrol-Diesel: लगभग 5 हफ्ते तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती या स्थिरता के बाद तेल कंपनियों ने गुरुवार को फिर से दाम बढ़ा दिए हैं। 29 मई के बाद तेल कंपनियां या तो लगातार दाम घटा रही थीं या फिर भाव स्थिर बने हुए थे लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर से आई तेजी और घरेलू स्तर पर डॉलर के मुकाबले रुपए में आए दबाव की वजह से गुरुवरा को तेल कंपनियों ने फिर से दाम बढ़ाने का फैसला किया है।
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