ईरान और अमेरिका में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद दुनिया के बाजारों ने राहत की सांस ली है। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को हरे निशान के साथ खुला।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मीडिया को संबोधित करने के बाद विदेशी बाजार में कच्चे तेल और सोने की कीमतों में भारी गिरावत आई है।
ईराक स्थित अमेरिकी बेस पर मिसाइल अटैक की खबरें आते ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें 3.5% बढ़ गई।
खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव से कच्चे तेल में आग लगी हुई है। कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव सोमवार को एक बार फिर 70 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है।
डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर सोमवार को प्रारंभिक कारोबार में 31 पैसे नीचे गिर कर 72.11 रुपए प्रति डॉलर पर चल रही थी।
भारतीय शेयर बाजार पर इस सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल का असर देखने को मिलेगा।
नए साल में अब तक देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 31 पैसे जबकि डीजल 44 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, हांग कांग का हैंग सेंग और दक्षिण कोरिया का कोस्पी गिरावट में बंद हुआ।
अमेरिकी हवाई हमले में ईरान गार्ड्स के पूर्व प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या को लेकर विदेशी बाजारों में कच्चे तेल के दाम नौ महीने की ऊंचाई पर है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 71.22 रुपए प्रति डॉलर पर कमजोर खुला।
नागरिकता संसोधन कानून को लेकर असम में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के चलते राज्य में कच्चे तेल और गैस के उत्पादन में गिरावट आई है। इससे कई जिलों में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर वैश्विक स्तर पर उत्साह से घरेलू शेयर बाजार सोमवार को शुरुआती कारोबार में बढ़त के साथ खुले।
ऐसी आशंका है कि ये आंकड़े निराशाजनक हो सकते हैं और इससे मुद्रा की तेजी पर अंकुश लग सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ने से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी तय है क्योंकि भारत अपनी तेल खपत के लिए मुख्य रूप से आयात पर निर्भर करता है।
मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में 1131.12 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की।
अगले हफ्ते दूसरी तिमाही के जीडीपी नतीजों पर सबकी नजर रहेगी और अनुमान के मुताबिक कमजोर आंकड़े आने से डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो सकता है।
दुनियाभर के कुल कच्चे तेल का 40 प्रतिशत उत्पादन ओपेक देश (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ दि पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) करते हैं।
तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में बुधवार (6 नवंबर) को कोई बदलाव नहीं किया। उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के कारोबार में पिछले सत्र के मुकाबले नरमी बनी हुई है।
आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन सितंबर में 5.2 प्रतिशत घट गया है। बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में से सात के उत्पादन में सितंबर में गिरावट आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और सऊदी अरब शुद्ध रूप से क्रेता-विक्रेता के संबंधों से आगे अधिक नजदीकी रणनीतिक भागीदारी की ओर बढ़ रहे हैं।
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