अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में लगातार गिरावट देखी जा रही है। कोरोना वायरस के चलते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 22 प्रतिशत तक गिर गए हैं।
पेट्रोल और डीजल के दाम में सोमवार को कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन कच्चे तेल में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बीते सप्ताह तेजी लौटी, लेकिन चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण तेल की मांग नरम रहने से कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं दिख रही है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बीते एक महीने में तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट आई है, जिसमें सबसे ज्यादा गिरावट पिछले 15 दिनों में आई है। साथ ही पेट्रोल और डीजल के दाम में रविवार को लगातार चौथे दिन बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस सप्ताह लगातार चार दिनों तक कच्चे तेल के दाम पर दबाव बना रहा और इन चार दिनों में बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का दाम करीब पांच डॉलर प्रति बैरल टूट गया है।
तनावग्रस्त लीबिया से कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने से सोमवार को तेल के दाम में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी आई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव तकरीबन 10 दिनों की ऊंचाई पर चला गया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के कारण कच्चा तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मीडिया को संबोधित करने के बाद विदेशी बाजार में कच्चे तेल और सोने की कीमतों में भारी गिरावत आई है।
डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर सोमवार को प्रारंभिक कारोबार में 31 पैसे नीचे गिर कर 72.11 रुपए प्रति डॉलर पर चल रही थी।
नए साल में अब तक देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 31 पैसे जबकि डीजल 44 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ने से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी तय है क्योंकि भारत अपनी तेल खपत के लिए मुख्य रूप से आयात पर निर्भर करता है।
तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में बुधवार (6 नवंबर) को कोई बदलाव नहीं किया। उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के कारोबार में पिछले सत्र के मुकाबले नरमी बनी हुई है।
विशेषज्ञों ने कहा कि सऊदी अरब में हमले के बाद अगले 15 दिनों के भीतर कच्चे तेल के दाम रॉकेट की तरह ऊपर जाएंगे।
कच्चे तेल के दाम में आई जोरदार तेजी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल सोमवार को एक बार फिर मंद पड़ गई। डॉलर के मुकाबले रुपये में तकरीबन एक फीसदी की कमजोरी आई, जो कि देसी करेंसी में दो अगस्त के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन आज सोमवार को शेयर बाजार लाल निशान के साथ खुले। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का कारण ऑयल एंड गैस, ऑटो और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों बिकवाली के कारण घरेलू शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के पहले दिन आज बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।
जिस दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आए हैं, उस दिन यानि 23 मई से लेकर अबतक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 14 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
कच्चा तेल भी 0.38 प्रतिशत कमजोर होकर 65.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें क्रमश: 70.70 रुपये, 72.75 रुपये, 76.28 रुपये और 73.33 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं।
अमेरिका ने ईरान के बैंकिंग और पेट्रोलियम क्षेत्र पर यह पाबंदी लागू की है। इसमें ईरान से तेल खरीदने वाले यूरोप, एशिया तथा अन्य सभी देशों और कंपनियों पर भी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर आई तेजी से सोमवार को घरेलू वायदा बाजार में तेल के दाम में जोरदार उछाल आया।
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