इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें क्रमश: 70.70 रुपये, 72.75 रुपये, 76.28 रुपये और 73.33 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं।
अमेरिका ने ईरान के बैंकिंग और पेट्रोलियम क्षेत्र पर यह पाबंदी लागू की है। इसमें ईरान से तेल खरीदने वाले यूरोप, एशिया तथा अन्य सभी देशों और कंपनियों पर भी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर आई तेजी से सोमवार को घरेलू वायदा बाजार में तेल के दाम में जोरदार उछाल आया।
इन सबके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें और अगस्त के दौरान ऑटो कंपनियों के बिक्री आंकड़े भी शेयर बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं
कच्चे तेल की अधिक कीमतों तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के अनुमान के बीच इस महीने के पहले दो सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों ने बांड बाजार से करीब 1,200 करोड़ रुपए की निकासी की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच महीनों में बांड बाजार से करीब 50 हजार करोड़ रुपए निकाले हैं।
एशियाई बाजारों में कमजोर रुख के बीच वायदा बाजार में आज कच्चा तेल 0.22 प्रतिशत घटकर 4,507 रुपये प्रति बैरल पहुंच गया।
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही खुदरा कीमतों को कम करने के स्थायी समाधान ढूंढ रही सरकार ओएनजीसी जैसे घरेलू तेल उत्पादकों पर अप्रत्याशित लाभ पर कर (Windfall Tax) लगा सकती है।
अगर पेट्रोल और डीजल का मौजूदा बढ़ा हुआ भाव आपके लिए परेशानी पैदा कर रहा है तो आपकी परेशानी आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल का भाव 80 डॉलर के पार चला गया है जिससे तेल कंपनियों की लागत बढ़ेगी और वह इस लागत को ग्राहकों से वसूलने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम और बढ़ा सकती हैं।
देश में पेट्रोल और डीजल के दाम भले ही रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके हों लेकिन जिस रफ्तार से अमेरिका में ऑयल रिग्स की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है उसे देखते हुए लग रहा है कि सस्ते पेट्रोल और डीजल वाले अच्छे दिन फिर से वापस लौट सकते हैं। अमेरिका में ऑयल रिग्स के बारे में आंकड़े जारी करने वाली संस्था बेकर हग्स के ताजा आंकड़ों के मुताबिक ऑयल रिग्स की संख्या 3 साल के ऊपरी स्तर तक पहुंच गई है
बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपनी रिपोर्ट में ब्रेंट क्रूड के औसत भाव के अनुमान को बढ़ाकर 71.8 डॉलर प्रति बैरल कर दिया गया है। पहले उसने चालू वित्त वर्ष में इसके 62.5 डॉलर प्रति बैरल पर रहने का अनुमान लगाया था। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इसे 60 डॉलर प्रति बैरल के अनुमान से बढ़ाकर 75.3 डॉलर प्रति बैरल किया गया है
भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 75 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं जो नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक कीमत है। कच्चे तेल की कीमतों में आई इस तेजी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ेगी
घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के और महंगा होने की आशंका भी बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है, गुरुवार को ब्रेंट क्रूड के भाव ने 74.24 डॉलर प्रति बैरल का ऊपरी स्तर छुआ है जो 41 महीने में सबसे ज्यादा भाव है
डीजल का भाव पहले ही देश में रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और पेट्रोल की कीमतें करीब 4 साल के ऊपरी स्तर पर हैं, ऐसे में अगर भाव और बढ़ा तो उपभोक्ताओं पर खराब असर पड़ेगा
इंडियन ऑयल के मुताबिक देश के कई शहरों में डीजल का दाम 70 रुपए के पार हो चुका है तो कई शहरों में 70 रुपए के करीब है, पेट्रोल की कीमतों ने भी 4 साल की नई ऊंचाई को छुआ है
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम ऊपरी स्तर पर बना हुआ है, इसके अलावा घरेलू स्तर पर रुपया भी डॉलर के मुकाबले रिकवर नहीं हो पाया है। इन दोनो वजहों से घरेलू ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की पेट्रोल और डीजल पर लागत बढ़ी है
Petrol Price: कच्चे तेल के दाम बढ़ते देख ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाना शुरू कर दिए हैं, देश के 4 महानगरों में पेट्रोल का दाम आज करीब डेढ़ महीने के ऊपरी स्तर पर है
शेयर बाजार Live: फिलहाल निफ्टी 6.95 प्वाइंट ही हल्की बढ़त के साथ 10005 पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स भी मामूली बढ़त के साथ 32600 के ऊपर ट्रेड हो रहा है
Petrol and Diesel Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत घटी है और वह घटी हुई लागत का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती हैं
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