27 नवंबर तक पहले से ही रबी फसल की बुवाई 348 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) में हो चुकी थी, जो पिछले पूरे सत्र में हुई बुवाई की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है तथा पिछले पांच वर्षो के बुवाई के औसत से दो प्रतिशत अधिक है।
ब्याज पर ब्याज से छूट योजना में एमएसएमई ऋण, शिक्षा ऋण, गृह ऋण, उपभोक्ता सामान ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटोमोबाइल ऋण, प्रोफेशनल्स के लिए पर्सनल लोन और उपभोग ऋण के तहत 2 करोड़ रुपए तक के ऋण को शामिल किया गया है।
साल 2020-21 के वित्तीय वर्ष में सरकार ने कृषि उपकरणों पर करीब 5500 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रावधान किया है। इस सब्सिडी का इस्तेमाल ऐसे उपकरणों की खरीद में किया जाएगा जो किसानों को बेहतर उपज और उसके बेहतर प्रबंधन में मदद करते हैं।
सरकार के द्वारा संसद को दिए लिखित जवाब के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान बिहार में देखने को मिला है। इसके अलावा कर्नाटक और असम में भी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।
खरीफ सत्र 2020 में बुवाई का रकबा दो से तीन प्रतिशत बढ़कर 10.9 करोड़ हेक्टेयर होने से कृषि उत्पादन में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त उत्पादकता भी दो से तीन प्रतिशत बढ़ने से, बम्पर खरीफ उत्पादन होने के आसार
चालू खरीफ सीजन में अब तक 692 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई
खाद्य तेल का उत्पादन बढ़ाकर आयत कम करने की भी योजना
पानी की खपत घटाने के लिए ड्रिप और स्प्रिंक्लर इरिगेशन सिस्टम को बढ़ावा देने की योजना
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने 23 मई 2020 को सभी ऋण देने वाली संस्थाओं को कर्ज की किस्तों के भुगतान से छूट (मोराटोरियम) को तीन महीने बढ़ाने की स्वीकृति दी थी।
टिड्डियों के हमले का सबसे ज्यादा असर राजस्थान में
नीति अयोग का चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3 प्रतिशत रहने का अनुमान
कोविड-19 की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी बंद को देखते हुए बढ़ाया गया समय
फसल वर्ष 2020-21 के दौरान खरीफ सत्र में 14.99 करोड़ टन और रबी सत्र में 14.84 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कोरोनावायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप मद्देनजर किसानों को अनजान श्रमिकों से काम नहीं लेने की सलाह दी है।
देश के विभिन्न इलाकों खासतौर से उत्तर भारत में हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों को नुकसान हो सकता है।
सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए इसे किसानों के लिए वैकल्पिक बना दिया है।
पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों से आये टिड्डियों के झुंडों ने बनासकांठा, मेहसाणा, कच्छ, पाटन और साबरकांठा जिलों में, सरसों, अरंडी, सौंफ, जीरा, कपास, आलू, गेहूं और जतरोफा जैसी फसलों पर हमला किया।
महाराष्ट्र के पालघर जिले में पचास साल के एक किसान ने 29 अक्टूबर को कीटनाशक दवा खाकर आत्महत्या कर ली।
फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के चालू खरीफ सत्र में बोई जाने वाली फसलों का रकबा 1,054.13 लाख हेक्टेयर पर अपरिवर्तित बना रहा।
कम बारिश के चलते खरीफ मौसम की सभी फसलों की बुवाई में गिरावट आयी है। कृषि मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक खरीफ के मौसम में धान का रकबा 223.5 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 105.14 लाख हेक्टेयर रहा है।
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