सीपीआई नेता ने कहा कि जिन लोगों को स्कूलों का ड्रेस कोड पसंद नहीं है, उन्हें चाहिए कि वे अपने बच्चों का वैसे स्कूल-कॉलेज में नामांकन करायें जहां ड्रेस कोड नहीं है और अपने मन माफिक पोशाक पहनने की छूट है।
2011-12 के बाद यह पहला मौका है जब लगातार आठवें महीने थोक मुद्रास्फीति का उच्चतम स्तर है और दो अंकों के स्तर बनी हुई है।
आंकड़ों को देखें तो देश में महंगाई की दर बढ़ी है, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है। यह आरबीआई के मध्यम अवधि के अनुमानों के भीतर है।
भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि मुद्रास्फीति का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष की बची हुई अवधि में ऊंचा रहेगा
वामपंथ की पाठशाला से निकलकर कांग्रेस के हाथ को थामने वाले 34 वर्षीय कन्हैया कोई पहले नेता नहीं हैं और शायद आखिरी भी नहीं होंगे, लेकिन चर्चा एवं विवादों से घिरे उनके पिछले कुछ वर्षों के सफर की वजह से उनका यह वैचारिक बदलाव सुर्खियों में रहा।
पाकिस्तान को लेकर बड़ी खबर है। इमरान खान एकबार फिर मुसीबत में है। दरअसल इस परेशानी का कारण नए आंकड़े है जो हाल ही में जारी किए गए है।
2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
बंगाल विधानसभा चुनाव में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि चुनाव लड़ने का मन बना लिया जाए, तो खाली जेब इसकी राह में कहीं से भी अड़चन नहीं बन सकती है।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को दावा किया कि अबतक जाति और पंथ की राजनीति करने वाली बीजेपी को माकपा और कांग्रेस के रूप से में दो दोस्त मिल गए हैं।
आर्य बाला संघम संस्थ की प्रदेश अध्यक्ष भी है और SFI की प्रदेश कार्यकारी समिति की सदस्य भी हैं। वो वह सीपीएम शाखा समिति की सदस्य भी हैं। उनके पिता राजेंद्रन एक इलेक्ट्रीशियन और माता श्रीलता एक एलआईसी एजेंट हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट में देखिए कैसे किसान आंदोलन की आड़ में लेफ्ट तबका कर रहा है राजनीति
बिहार में भी कृषि कानूनों के विरोध में विपक्षी राजनीतिक दल एक जुट होकर सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने की जुगत में हैं। वैसे, बिहार में इसका विरोध किसानों के बीच वैसा देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन वामपंथी दल इसे लेकर अब गांवों में जाने की योजना बना रहे हैं।
औद्योगिक कामगारों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) में अक्टूबर 2020 में 1.4 अंक की वृद्धि हुई और यह 119.5 रहा।
Bihar Election Result: 2015 के विधानसभा चुनावों में जनता दल युनाइटेड की प्रत्याशी बीमा भारती ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रेम प्रकाश मंडल को हराया था।
Pipra vidhan sabha Chunav Result: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने थीं, लेकिन इस बार का चुनाव दोनों पार्टियां साथ मिलकर लड़ रही हैं।
2015 के विधानसभा चुनावों में एनडीए की तरफ से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार बसंत कुमार ने कड़े मुकाबले में जीत दर्ज की थी।
पिछली बार पिपरा सीट पर भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी श्यामबाबू प्रसाद यादव और जेडीयू प्रत्याशी कृष्ण चंद्र के बीच टक्कर थी...
बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और दूसरे चरण की 94 सीटों के लिए उम्मीदवार मैदान में हैं। इन्हीं सीटों में भोरे विधानसभा सीट भी आती है जहां पर सीधी टक्कर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और सीपीआई-एमएल के बीच में है।
पिछली बार विभूतिपुर सीट पर जेडीयू प्रत्याशी राम बालक सिंह और CPM प्रत्याशी राम देव वर्मा के बीच टक्कर थी, भाजपा और जेडीयू ने पिछली बार अलग-अलग चुनाव लड़ा था...
पिछली बार आरा सीट पर राजद प्रत्याशी मोहम्मद नवाज आलम और भाजपा प्रत्याशी अमरेंद्र प्रताप सिंह के बीच टक्कर थी...
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