मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मीडिया में आई कई खबरों में दावा किया गया है कि को-विन पोर्टल में एकत्रित डेटा ऑनलाइन लीक हो गया है।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि को-विन पोर्टल से कोई डेटा लीक नहीं हुआ है और लोगों पूरा डेटा इस डिजिटल मंच पर सुरक्षित है। ’’
देश में 15 से 18 साल के करीब 10 करोड़ बच्चे हैं, जिन्हें आज से वैक्सीन दी जा रही है। वैक्सीन की रेस में दो कंपनियां भारत बायोटेक और जायडस कैडिला हैं लेकिन बच्चों को फिलहाल भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 15 वर्ष से 18 वर्ष के किशोरों के लिए टीकाकरण तीन जनवरी से शुरू हो जाएगा।
2021 के दौरान कई ऐसी घटनाएं हुईं जिनमें लोगों ने खूब दिलचस्पी ली तो चलिए हम आपको बताते हैं 2021 में सबसे ज्यादा सर्च किए गए टॉपिक्स, जिनपर सबकी नजर रही।
कोविन ने नया एपीआई लॉन्च किया है- केवाईसी-वीएस। केवाईसी-वीएस संस्थाओं को कोविन के माध्यम से किसी व्यक्ति के टीकाकरण की स्थिति की जांच करने में सक्षम करेगा। केवाईसी-वीएस (KYC-VS) सहमति-आधारित, गोपनीयता संरक्षित है और इसे किसी भी सिस्टम के साथ निर्बाध रूप से जोड़ा जा सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत ने रह रहे विदेश नागरिकों के वैक्सीनेशन के लिए कोविन (CoWin) पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अनुमति दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के कार्यालय ने रविवार को बताया कि जिन लोगों ने कोविड-19 का टीका लगवा लिया है वे अब अपने प्रमाण पत्र कुछ सेकेंड के अंदर ही व्हाट्सएप से प्राप्त कर सकते हैं।
आप कोविन ऐप के जरिए ही घर बैठे अपने गलत डिटेल्स को करेक्ट कर सकते हैं। सरकार ने सर्टिफिकेट में ऑनलाइन अपडेट करने की फैसिलिटी दे दी है। जानिए कोविन ऐप पर अपने वैक्सीन सर्टिफिकेट को कैसे अपडेट करें।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कोविन मंच को अन्य देशों के साथ मुफ्त में साझा करने की पेशकश करते हुए कहा कि मानवीय जरूरतें व्यावसायिक लाभ से पहले आती हैं।
पीएम मोदी ने वैश्विक कोविन कॉनक्लेव में कहा कि कोविड के खिलाफ विजेता के तौर पर उभरने के लिये मानवता के पास टीकाकरण की सर्वश्रेष्ठ उम्मीद है।
कनाडा, मैक्सिको, नाइजीरिया और पनामा सहित करीब 50 देशों ने अपने टीकाकरण अभियान के लिए कोविन जैसी प्रणाली में दिलचस्पी दिखायी है और भारत ‘ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर’ मुफ्त में साझा करने के लिए तैयार है।
भारत उन 20 से अधिक देशों के साथ राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत और कार्यान्वयन में मदद करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म को-विन की सफलता की कहानी साझा करेगा, जिन्होंने अपने टीकाकरण अभियान को चलाने के लिए इस पोर्टल को अपनाने में रुचि दिखाई है।
सरकार ने कोविन पोर्टल को हैक करने और आंकड़े लीक होने के दावों को शनिवार को खारिज करते हुए उन्हें ‘‘निराधार’’ बताया।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारत इस समय दुनिया का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण अभियान चला रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई फर्जी सर्टिफिकेट दिखाता है तो उसे पकड़ा जा सकता है। इस सर्टिफिकेट की बहुत उपयोगिता है, इसे WHO के स्टैंडर्ड FIAR के तहत बनाया गया है, यह सर्टिफिकेट विदेश में भी मान्य होगा।
दिल्ली पुलिस ने आगाह किया है कि SMS पर कोविड वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए एक फर्जी वेबसाइट का लिंक भेजकर लोगों से ठगी की जा रही थी।
कोरोना टीकाकरण को लेकर कोविन प्रणाली को पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाया जा रहा है। 8 मई से कोरोना टीकाकरण के लिए कोविन प्रणाली में एक नया फीचर शुरू होने जा रहा है।
कोरोना वैक्सीन के लिए पहले दिन ही करीब 1.33 करोड़ लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। बुधवार को शुरू हुई इस प्रक्रिया के पहले दिन कई तरह की तकनीकी खामियां भी नजर आईं।
देश में 18 से 44 साल के लोगों को एक मई से कोरोना वैक्सीन लगाई जानी है। इसके लिए आज यानी 28 अप्रैल शाम 4 बजे से कोविन पोर्टल ( cowin.gov.in ) पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। लेकिन, रजिस्ट्रेशन शुरू होते ही कोविन पोर्टल क्रैश हो गया। ऐसे में पोर्टल क्रैश होना लोगों के लिए काफी परेशानी भरा है।
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