भीड़ द्धारा हत्या किए जाने के मामले पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला भी सुनाया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि कोई भी अपने हाथ में कानून नहीं ले सकता है। देश में भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
मॉब लिंचिंग: राजस्थान के अलवर में गौ तस्करी के शक में शख्स की पीट-पीटकर हत्या
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता इंदिरा जयसिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि मॉब लिन्चिंग की घटनाओं को हर हाल में रोका जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता इंदिरा जयसिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि मॉब लिन्चिंग की घटनाओं को हर हाल में रोका जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता इंदिरा जयसिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि मॉब लिन्चिंग की घटनाओं को हर हाल में रोका जाए। सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पी. एस. नरसिंहा ने कहा था कि केंद्र सरकार इसे लेकर सजग और सतर्क है
महाराष्ट्र: मवेशियों से भरी ट्रक 4 वाहनों से लड़ी, एक की मौत, चालक गिरफ्तार
कोटा में गाय ने किया मासूम पर हमला, सींग से उठाकर दूर फेंका
लखनऊ के कुकरैल जंगल में गायों और बछड़ों की बड़ी संख्या में लाशें मिलने का दावा
जहां पीड़ित परिवार इसे भीड़ द्वारा गोकशी के शक में पीटने का मुद्दा बता रहा है तो वहीं पुलिस ने इस घटना को रोडरेज की घटना के तौर पर दर्ज किया है।
कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त संत स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा, ‘जब ‘आनंद मंत्रालय’ बनाया जा सकता है तो ‘गौ मंत्रालय’ क्यों नहीं बन सकता?
कर्नाटक में गौ हत्या पर प्रतिबंध है।
मध्य प्रदेश के सतना में गौरक्षा के नाम पर फिर हुआ कतल; चार ग़िरफ़्तार
मैहर के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) अरविंद तिवारी ने बताया कि मौके से गाय का मांस एवं बरामद हुआ है।
मेरठ में गौ वंश तस्करी के आरोप में पकड़े गए युवक की हिरासत में हुई मौत, कई पुलिसकर्मी सस्पेंड
यदि कोई आपसे कहे कि आज से 200 साल बाद गाय जमीन पर पाई जाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी जीव होगी तो क्या आप यकीन कर पाएंगे?
अलीमुद्दीन हत्याकांड में बीजेपी ने की सीबीआई जांच की मांग | गोरक्षकों ने पीट-पीटकर की थी हत्या
गोशाला की संचालक सुदेवी दासी की गोशाला में 1000 से अधिक बैल, बछड़े और वृद्ध गाय हैं। ये सभी गोवंश किसी न किसी बीमारी या दुर्घटना से जख्मी हुए हैं। यहां कोई गाय देख नहीं पाती तो किसी गाय से चला तक नहीं जाता।
संगीत सुनने से पहले गायों के चहरे सुस्त रहते थे लेकिन संगीत सुनने के बाद अलबेली मुस्कान रहती है। छह माह में संगीत सुनने से पूर्व जो गायें दुर्बल थी वो अब तंदुरुस्त हो गई हैं।
इन पशुओं के कान में टैग लगाकर उन्हें आधार सरीखी 12 अंकों की अद्वितीय पहचान संख्या प्रदान की गई है और उनकी ‘ऑनलाइन कुंडली’ तैयार की जा रही है...
। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के नंदनपुर (गोर) में पहुंचकर गाय के महत्व को समझा जा सकता है। यह ऐसा गांव है, जहां गौशाला में गायों की नियमित तौर पर सिर्फ पूजा ही नहीं होती, बल्कि शाम को आरती भी होती है।
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