देश में उपयोग में लाई जा रही कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड ट्रेडमार्क विवाद में फंस गई है।
बिहार में शुक्रवार को कोरोना वैक्सीन की एक खेप पटना एयरपोर्ट पहुंची। ये वैक्सीन पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट से वैक्सीन पटना पहुंची लेकिन वैक्सीन को एयरपोर्ट से लेकर जाने वाली गाड़ी कुछ दूरी तय करने के बाद ही बंद हो गई, गाडी के बंद होने के बाद उसे धक्का मारकर आगे बढाया गया।
पूनावाला ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने शनिवार को कहा कि भारत में कोविड-19 टीके कोवोवैक्स का नैदानिक परीक्षण शुरू हो गया है।
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता और कोविशील्ड जैसी प्रभावी कोविड वैक्सीन पेश करने वाला सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अगले कुछ महीनों में एक और कोरोना वैक्सीन पेश करने की तैयारी कर रही है।
सीरम इंस्टिड्यूट ऑफ इंडिया (SII) की तरफ से देश में तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन Covishield को लेकर सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं।
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कोविड-19 का पहला टीका लगवा लिया है। साथ ही उन्होंने लोगों से टीका लगवाने की अपील भी की।
दूसरे चरण में निजी अस्पतालों को भी टीका लगाने की अनुमति दे दी गई है, हालांकि वहां पर 250 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में फिलहाल टीकाकरण निशुल्क है
कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्तियों में कोविशील्ड टीके का तेजी से असर होता है और उनमें एंटीबॉडी का स्तर अधिक पाया जा रहा है। यह बात एक अध्ययन से सामने आयी है।
आइए जानते हैं कि दुनिया के दूसरे देशों में वैक्सीन की क्या कीमत है।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं उन सभी लोगों से कोरोना वायरस का टीका लगवाने की अपील करता हूं, जो इसके पात्र हैं। आइए, हम सब मिलकर भारत को कोविड-19 से मुक्त बनाएं।’
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी वैक्सीन को लेकर जो बयान दिया है वह भ्रम फैलाने वाला है। ओवैसी ने उस टीके पर सवाल उठाए हैं जिसका उत्पादन सीरम इंस्टिड्यूट ऑफ इंडिया कर रहा है।
भारत द्वारा उपलब्ध कराया गया ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका कोविशील्ड शुक्रवार को श्रीलंका के 5,286 लोगों को लगाया गया था।
India's Coronavirus Diplomacy: उम्मीद के मुताबिक, चीन को भारत द्वारा अपने पड़ोसी देशों को वैक्सीन की मदद रास नहीं आई और वो ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारत की 'वैक्सीन मैत्री' पहल पर सवाल खड़े करने लगा है।
कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव के पहले दिन उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को टीके लगाए गए। देश में पहले दिन 1 लाख 91 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई, इनमें से सबसे ज्यादा 21 हजार 291 टीके उत्तर प्रदेश में लगाए गए।
दिल्ली एम्स के सुरक्षा गार्ड ने कोरोना वैक्सीन लेने के बाद एलर्जी होने की बात कही है। वहीं दो और स्वास्थ्यकर्मियों में भी कोरोना वैक्सीन लगने के बाद हल्के साइड इफेक्ट देखे गए हैं। इन दोनों को छाती में हल्की जकड़न का सामना करना पड़ा।
कोरोना वायरस के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान को 16 जनवरी को लगभग 3,000 साइटों पर लॉन्च किया जाएगा और महीने के अंत तक साइटों की संख्या 5,000 तक बढ़ाई जाएगी।
केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने कोरोना टीकाकरण को लेकर सभी तरह की जानकारी दी है कि आखिर आपको कोरोना टीका लगवाने के लिए किन-किन जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी।
कोविड-19 के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान की तैयारियों ने बुधवार के जोर पकड़ा। विमानों के जरिये देश भर में विभिन्न हवाईअड्डों पर टीके की खेप पहुंचाई गई, जहां से ये छोटे शहरों को भेजी गईं।
भारत अब अनुमानित तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन श्रमिकों को प्राथमिकता के साथ 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान का पहला चरण शुरू करने के लिए तैयार है।
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