कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में घिरे भारत में वैक्सीन की कमी है जिसे लेकर सीरम इंस्टिट्यूट ने सफाई दी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारत आबादी के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़े देश है।
भारत में कोविशील्ड टीका लगाए जाने के बाद रक्तस्राव और खून के थक्के जमने (ब्लीडिंग और ब्लड क्लॉटिंग) के 26 संभावित प्रतिकूल प्रभाव के मामले सामने आए हैं।
कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक (डोज) के बीच के अंतर को पहले के 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करना एक उचित दृष्टिकोण है और इससे वैक्सीन की प्रभावशीलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
भारत बायोटेक द्वारा यह कहे जाने के बाद कि वह दिल्ली को फिलहाल कोवैक्सिन की और अधिक खुराकों की आपूर्ति नहीं कर सकता है, दिल्ली सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से मदद के लिए आगे आने और कोविशील्ड टीका प्रदान करने का आग्रह किया।
कितने दिन के अंदर लगवा लेना चाहिए वैक्सीन की दूसरी डोज? जानिए एक्सपर्ट्स की राय
कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच का गैप 6 से 8 हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया गया है। राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकर समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिश पर यह फैसला लिया गया।
अभी तक Covishield की पहली डोज का टीका लेने के बाद दूसरी डोज को 6-8 हफ्ते में लगाना जरूरी बताया गया है। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने का प्रस्ताव है
महाराष्ट्र के जालना जिले में एक बुजुर्ग को दो अलग-अलग वैक्सीन लगा दी गईं। बुजुर्ग को पहली डोज कोवैक्सीन की दी गई जबकि दूसरी डोज कोविशील्ड लगाई गई।
भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के उस आग्रह को ठुकरा दिया है, जिसके तहत उसने ब्रिटेन को कोविशिल्ड की 50 लाख डोज एक्सपोर्ट करने की इजाजत मांगी थी।सरकार का कहना है कि उसकी पहली प्राथमिकता देशवासियों को बचाने की है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच पिछले कुछ दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में संक्रमण के दैनिक मामलों में गिरावट देखने को मिली है। हालांकि अभी भी दिल्ली में हर रोज मिलने वाले कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 15 हजार से ऊपर बनी हुई है।
भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए ब्रिटेन में पहले चरण का परीक्षण भी शुरू कर दिया है।
कोविड टीका कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने सोमवार को कहा कि रातों-रात टीके की उत्पादन क्षमता नहीं बढ़ायी जा सकती है।
तीसरे और टीकाकरण का सबसे बड़ा चरण सोमवार को दिल्ली में शुरू होगा। 18-45 आयु वर्ग के लोगों को कोरोनोवायरस के खिलाफ टीका दिया जाएगा। इस श्रेणी के लगभग 90 लाख लोग टीके के लिए पात्र होंगे।
देश में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी विनाशकारी लहर के बीच पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने कोविड-19 की वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने लेकर अपने ऊपर भारी दबाव की बात की।
भारत सरकार के अधिकारियों के मुताबिक पूनावाला को वाई श्रेणी की सुरक्षा इसलिए प्रदान की गई है क्योंकि उन्हें धमकियां मिल रही हैं।
केंद्र सरकार ने पहली मई से 18 वर्ष से ऊपर की आयू वाले लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे दी है और इसके लिए आज यानि बुधवार शाम 4 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है।
कोविड-19, चिकनगुनिया, जीका, हैजा और अन्य संक्रमणों के लिए वैक्सीन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि वैक्सीन की लागत वसूल हो।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार 45 वर्ष से कम उम्र के वयस्क नागरिकों को निशुल्क कोविड -19 रोधी टीका लगवाने के लिए वैश्विक टेंडर निकालेगी।
एसआईआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वैक्सीन के थोड़े से हिस्से को निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति खुराक की दर पर बेचा जाएगा, यह कीमत अभी भी कई दूसरे चिकित्सकीय उपचारों की तुलना में कम है ।
Covishield वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनी सीरम इंडस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भारत सरकार की घोषणा के बाद अब वैक्सीन के दाम घोषित कर दिए हैं।
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