कोविशील्ड निर्माता एस्ट्राजेनेका ने पिछले हफ्ते कोर्ट में यह स्वीकार किया था कि उसकी वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, हालांकि एक्सपर्ट का कहना था कि जिन्हें ये टीका लगा है, उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
कांग्रेस ने जहां बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया है कि WHO के कहने के बावजूद कोविशील्ड के दुष्प्रभावों का डेटा एकत्र नहीं किया गया, तो वहीं बीजेपी ने कहा है कि कोविड रोधी टीकों से खून का थक्का नहीं जमता है।
कोविशील्ड वैक्सीन के विवाद में अखिलेश यादव ने भी बीजेपी को घेरा है। अखिलेश ने कहा कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से चंदा लेकर उसे परमिशन दी गई, मामले की हाई लेवल जांच होनी चाहिए।
दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसकी कोविड वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के कारण शरीर में खून के थक्के जम सकते हैं। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया आगे चलकर स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट जैसी घटनाओं का कारण बनता है।
कोरोना के बाद से ही देश भर में हार्ट अटैक के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हंसते, नाचते, बात करते, चलते, काम करते, सफर करते, योगा या जिम करते कब किसको हार्ट अटैक आ जाए, कुछ पता नहीं। अब हार्ट अटैक कम उम्र के युवाओं में भी तेजी से हो रहा है। अक्सर युवाओं में हार्ट अटैक के वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल होते रहते हैं।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने केंद्र सरकार को कोविशील्ड वैक्सीन की दो करोड़ डोज (खुराक) मुफ्त में देने की पेशकश की है।
Covishield Vaccine:कोरोना के खिलाफ बनी कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर अब तक की सबसे बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इससे कोविशील्ड लगवाने वाले लोगों में हलचल मच गई है।
सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई कैंसर की इस वैक्सीन का आज परीक्षण होना है। अगर परीक्षण में ये वैक्सीन पास होती है तो देश के लिए राहत की खबर होगी।
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीच दिल्ली सरकार ने संक्रमण के रोकथाम के लिए बड़ा फैसला लिया है। गुरुवार को दिल्ली सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि दिल्ली में कोरोना वैक्सीन की 'प्रिकॉशन डोज' अब सरकारी टीकाकरण केंद्रों में मुफ्त में लगाई जाएगी।
कोरोना हर नए दिन के साथ देश से सिमटता जा रहा है। इसी बीच वैक्सीन को लेकर एक रिसर्च में यह सामने आया है कि ओमिक्रॉन से मुकाबला करने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत है। पढ़िए वैक्सीन की मिक्स डोज पर क्या कहती है रिसर्च?
सीएमसी वेल्लोर ने प्रारंभिक डेटा प्रस्तुत किया है जिसकी समीक्षा की जा रही है। कार्य समूह बैठक के दौरान इसे उठाएगा। सीडीएससीओ (CDSCO) द्वारा प्रारंभिक समीक्षा के बाद डेटा ड्रग रेगुलेटर के तहत विषय विशेज्ञ समिति (SEC) को भेजा जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को कहा कि नि:शुल्क टीकाकरण का सरकारी अभियान जारी रहेगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने वयस्कों के लिए अब कोवैक्सीन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) को कुछ शर्तों के साथ आपातकालीन परिस्थितियों में प्रतिबंधित इस्तेमाल की अनुमति को नई सामान्य दवा में अपग्रेड कर दिया है।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, NPPA को टीकों की कीमत सीमित रखने की दिशा में काम करने को कहा गया है।
पीतरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक अलबेला केरकेट्टा ने कहा, ‘‘एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने चार जनवरी को मुंडा के आवास पर उन्हें कोविशील्ड का टीका लगाया। अगले दिन, परिवार वाले मुंडा को चलते/बोलते देख हैरान हो गए।’’
टेस्टिंग के सैंपल्स का अलग से विश्लेषण करने पर ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ भी एंटीबॉडी तेजी से बनने की बात सामने आई।
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया से राज्य सरकार ने 50 लाख कोविशील्ड की डोज और 40 लाख कोवैक्सीन की डोज की मांग की है।
भार्गव ने कहा कि संकर प्रतिरक्षा, जो टीकाकरण और प्राकृतिक संक्रमण के परिणामस्वरूप विकसित होती है, दूसरी खुराक के बाद एक मजबूत प्रतिक्रिया और मजबूत एंटीबॉडी अनुमापांक तैयार करती है।
देश में सोमवार तक कोविड वैक्सीन की 123 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने बताया कि सोमवार शाम सात बजे तक 70 लाख (70,85,126) से अधिक खुराक दी गई थीं।
जिन 96 देशों ने टीकाकरण प्रमाणपत्रों की परस्पर मान्यता के लिए सहमति व्यक्त की है- उनमें कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्पेन, बांग्लादेश, फिनलैंड, माली, घाना, सिएरा लियोन, नाइजीरिया, सर्बिया, पोलैंड, स्लोवाक रिपब्लिक, क्रोएशिया, बुल्गारिया, तुर्की, चेक गणराज्य, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, रूस, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर आदि देश शामिल हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता नितिन एएम ने अपनी दलीलों में कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बगैर बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन की अनुमति देना नियमों का उल्लंघन है और कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन वैक्सीन नुकसानदेह और गैरकानूनी है।
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