इंडिया टीवी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में देखिए आखिर महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक कौन फैला रहा है वैक्सीन पर अफवाह?
मुसलमानों में कोरोना वैक्सीन पर अफवाह किसने फैलाई? देखिए मुसलमान भाईओं का 'टीका' टेस्टl
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में अभी तक दी गई कोविड-19 वैक्सीन की खुराकों की कुल संख्या बढ़कर 24.93 करोड़ से अधिक हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार को 18-44 आयु वर्ग के 19,49,902 लाभार्थियों को पहली खुराक जबकि इस आयु वर्ग के 72,279 लोगों को दूसरी खुराक दी गई।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कॉर्नवाल में जी-7 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में घोषणा की कि उनका देश अगले साल तक दुनिया को कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ खुराकें दान करेगा।
अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फौसी के अनुसार, जिन लोगों को कोरोनावायरस के खिलाफ टीका लगाया गया है, उन्हें सुरक्षित रहने के लिए बूस्टर शॉट की आवश्यकता होगी।
कोविड-19 महामारी के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्कृष्ट नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि संकट के समय उन्होंने आगे बढ़कर देश का नेतृत्व किया, जबकि विपक्षी दलों और उनके शासन वाले राज्य जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने में व्यस्त थे।
ओडिशा में कोविड-19 के 6,097 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,37,226 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संक्रमण से 44 और लोगों की मौत के बाद इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 3,167 हो गई।
जियो यूजर्स चैटबॉट पर मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी सेवा और जियो सिम, जियोफाइबर, जियोमार्ट एवं इंटरनेशनल रोमिंग के लिए मदद हासिल कर सकते हैं।
अधिकारी ने कहा कि केंद्र इस साल 16 जनवरी से "सरकार के समग्र दृष्टिकोण" के तहत प्रभावी टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन कर रहा है। केंद्र को मिले विभिन्न ज्ञापनों के आधार पर, टीकाकरण रणनीति के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक आयु के सभी वयस्कों के लिए टीकाकरण एक मई से शुरू किया गया था।
दिल्ली-एनसीआर के 18-44 आयु वर्ग के लोग कोविड-19 का वैक्सीन लगवाने के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा तक की यात्रा कर रहे हैं। आगरा के मूलचंद मेडिसिटी अस्पताल में चार दिन पहले 18-44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई।
कुछ राज्यों की ओर से टीकाकरण अभियान को लेकर उठाए गए सवाल, सुझाव और सियासत के चलते मई के महीने में देश में इस अभियान को गहरा धक्का पहुंचा है। यह वही महीना था जिसमें कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप चरम पर रहा।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन लगवाने का ऐलान किया है। हालांकि, इससे पहले वो वैक्सीन को बीजेपी का टीका बता चुके हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वो भारत सरकार का टीका लगवाएंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सोमवार को कोरोना वायरस टीके की 31 लाख से अधिक खुराकें लगायी गयीं। इसके साथ ही देश में कोविड टीके की लगायी गयी खुराकों की कुल संख्या 23.59 करोड़ को पार कर गयी।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के वैक्सीनेशन के वास्ते राज्यों को केंद्र द्वारा निशुल्क टीका उपलब्ध कराए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का परिणाम जान पड़ती है।
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी नागरिकों के वैक्सीनेशन के लिए राज्यों को मुफ्त टीका मुहैया कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद सोमवार को सवाल किया कि अगर टीके सभी के लिए मुफ्त हैं तो फिर निजी अस्पतालों को पैसा क्यों लेना चाहिए।
कांग्रेस ने सभी नागरिकों के वैक्सीनेशन के लिए राज्यों को मुफ्त टीका मुहैया कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर कहा कि यह देर आए, लेकिन पूरी तरह दुरुस्त नहीं आए की तरह है क्योंकि मुफ्त वैक्सीनेशन की मांग को सरकार ने आंशिक रूप से स्वीकार किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को संबोधित करते हुए कहा कि 21 जून, सोमवार से देश के हर राज्य में 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी।
81 साल के मुलायम सिंह यादव ने मेदांता हॉस्पिटल में वैक्सीन की पहली डोज लगवाई। इससे पहले उनकी बहू अपर्णा यादव ने भी पिछले महीने लखनऊ के लोकबंधु हॉस्पिटल में वैक्सीन लगवाई थी।
केजरीवाल ने कहा कि आज से दिल्ली के 70 वार्ड के अंदर वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा। दिल्ली में मोटे-मोटे तौर पर 280 वार्ड हैं। हर हफ्ते 70-70 वार्ड के अंदर से ये अभियान चलाया जाएगा। 4 महीने के अंदर ये पूरा अभियान पूरा हो जाएगा।
जहां शहरी आबादी खुद को कोविड-19 से बचाने के लिए बेताब है, वहीं ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग अभी भी इसके लिए आगे आने से हिचकिचा रहे हैं |
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