क्वीन्सलैंड और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया राज्यों की सरकारों ने 40 साल से कम उम्र के लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन नहीं लगाने की सलाह देते हुए कहा है कि इनसे खून का थक्का जमने का जोखिम है।
रूस में कोरोना वायरस संक्रमण से मंगलवार को 652 और मरीजों की मौत हो गई। रूस में गत बृहस्पतिवार से कोरोना वायरस संक्रमण के प्रतिदिन 20 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और लगभग 600 मौतें हो रही है।
‘मॉडर्ना’ ने यह भी सूचित किया है कि अमेरिकी सरकार ने भारत सरकार को उपयोग के लिए ‘कोवैक्स’ के माध्यम से ‘मॉडर्ना’ के कोविड-19 रोधी टीके की निश्चित संख्या में खुराक दान करने को सहमति व्यक्त की है।
भारत में विश्व में कोरोना वैक्सीन की सबसे ज्यादा डोज लगाने वाला देश बन गया। अभीतक इस मामले में अमेरिका सबसे आगे था लेकिन भारत ने अमेरिका को भी इस मामले में पीछे छोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन हमारा हथियार है और इसे जरूर लगवाना हैl साथ ही पीएम ने लोगों से यह भी कहा कि वैक्सीन को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों से बचकर रहें और अफवाह फैलाने वालों को भी बताएं कि ऐसा न करेंl
भारत सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जमा किए गए affidavit के अनुसार, अगस्त 2021 से दिसंबर 2021 के बीच विभिन्न कंपनियों की द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली कोविड वैक्सीन्स की अनुमानित उपलब्धता की संख्या 135 करोड़ है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को 2.05 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वायरस रोधी टीके की खुराक दी गई, जो अब तक एक दिन में सबसे अधिक है।
सुलेमान के मुताबिक कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीनकरण को लेकर प्रदेश में उत्साह बना हुआ है और अब जनजातीय इलाकों में भी टीकों की मांग बढ़ रही है।
PM मोदी ने कहा, ‘‘आज रिकॉर्ड संख्या में हुआ टीकाकरण हर्षित करने वाला है। कोविड-19 से लड़ाई में टीका हमारा सबसे मजबूत हथियार बना हुआ है। जिन लोगों का टीकाकरण हुआ, उन्हें बधाई और अग्रिम पंक्ति के वे सभी कर्मी प्रशंसा के पात्र हैं, जिन्होंने इतने लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की।’’
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिस वक्त मरीजों को सबसे ज्यादा केयर की जरूरत थी.. जब मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत थी..वो जब एक एक सांस के लिए तड़प रहे थे..और मरीजों के रिलेटिव्स ऑक्सीजन सिलेंडर्स के लिए एक स्टेट से दूसरे स्टेट तक जा रहे थे..तो ऐसे वक्त में कुछ लोग पैसों के लिए मरीजों को मौत के मुंह में धकेल रहे थेl सांगली जिले के अंदर एक ऐसा अस्पताल चल रहा था, जहां मरीजों के इलाज के नाम पर उनकी मौत का इंतजाम हो रहा थाl
केंद्र सरकार कोरोना को लेकर नई वैक्सीनेशन पॉलिसी 21 जून 2021 से लागू करने जा रही हैl इस पॉलिसी में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों को मुफ्त में वैक्सीन लगेगीl
केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से अपील की है कि वह टीकाकरण अभियान को तेज करें और कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन हटाते समय कोविड अनुकूल व्यवहार, जांच-निगरानी-इलाज, टीकाकरण जैसी ‘अति महत्वपूर्ण’ पांच रणनीतियां अपनाएं।
अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में दावा किया गया था कि फाइजर और मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन से बच्चे पैदा करने की ताकत कम हो रही है जिसके बाद हाल में ही इस बात को लेकर एक अध्ययन किया गया।
चूंकि भारत के टीकाकरण अभियान ने अब गति पकड़ ली है तो अब न केवल कॉरपोरेट घरानों ने बल्कि अब बिल्डरों ने भी निर्माण श्रमिकों के लिए एक विशेष टीकाकरण अभियान शुरू किया है।
भारत सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही ऐसी पोस्टों में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, जिस व्यक्ति की मौत Anaphylaxis की वजह से हुई, उन्हें 8 मार्च 2021 को वैक्सीन लगाई गई थी। अन्य दो लोगों जिनमें वैक्सीन लगवाने के बाद anaphylaxis देखे गए- उनमें एक युवक की उम्र 22 साल जबकि एक महिला की उम्र 21 साल थी। दोनों ही अस्पताल में इलाज के बाद स्वस्थ हो गए।
ICMR की तरफ से एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेज (खरीद सहयोग एजेंसी) ने केंद्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के जरिये अनुभवी भारतीय एजेंसियों से मानवरहित विमानों के जरिये चिकित्सा आपूर्ति (टीके व दवाओं की आपूर्ति) के लिये अभिरुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित की है।
अपोलो हॉस्पिटल्स की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने सोमवार को कहा कि वैक्सीन कोरोना विषाणु के संक्रमण को नहीं रोकते लेकिन वे लक्षणों को हल्का बनाए रखने में मदद करेंगे।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरी दुनिया परेशान है। इस लहर में दुनिया भर में कोरोना वायरस के कई वैरिएंट सामने आए हैं। हालांकि इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर प्रवीण जड़िया ने "पीटीआई-भाषा" को बताया कि सिंधी हिन्दू समुदाय के पाकिस्तानी शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने प्रशासन से हाल ही में मांग की थी कि महामारी से बचाव के लिए उन्हें भी टीका लगाया जाए।
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