जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी कोरोनावायरस डाटा के मुताबिक चीन में 104,157 कोरोना मामले आए हैं और यहां महामारी से 4848 लोगों की मौत हुई है।
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में बाजार खरीदारी करने वालों की भीड़ से भरे पड़े हैं, और अधिकतर लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे।
आईएएनएस सी वोटर ट्रैकर के अनुसार, अगर देश में कोविड-19 की तीसरी लहर आती है, तो इसके लिए आम जनता को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्चिक डाटा दिखाते हैं कि तीसरी लहर के दौरान औसतन कोविड-19 के मामले दूसरी लहर की तुलना में दोगुने या 1.7 गुना अधिक होंगे।
कोविड-19 महामारी की नई लहर कई बातों पर निर्भर करेगी, जिसमें कोविड अनुरूप व्यवहार, टेस्टिंग और कंटेनमेंट रणनीति एवं टीकाकरण की दर शामिल है।
डा. रेड्डीज ने कहा कि इस दवा का उपयोग केवल चिकित्सीय परामर्श और एक योग्य चिकित्सक की देखरेख में अस्पताल में भर्ती मध्यम से गंभीर कोविड-19 रोगियों पर ही किया जा सकता है।
कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका और महाराष्ट्र में वायरस के ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप के कई मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पाबंदियां कड़ी कर दी हैं...
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अधिकांश मौतें 60+ आयु वर्ग में हुई हैं और जिनकी co-morbid स्थिति थी, विशेष रूप से कैंसर, अनियंत्रित मधुमेह और उच्च रक्तचाप। बड़ी संख्या में 30 वर्ष से कम आयु के लोग घर पर ठीक हुए।
दिल्ली और देश धीरे-धीरे कोरोना वायरस की दूसरी लहर से उबर रहा है और बीते कुछ दिनों से तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि तीसरी वेव में बच्चे ज्यादा शिकार होंगे। लखनऊ के अस्पतालों में अभी से नर्सिंग स्टाफ की खास ट्रेनिंग शुरू हो गई है। ताकि अगर तीसरी वेव आए और बच्चे ज्यादा शिकार हों, तो उस स्थिति में कैसे काम करना है।
देश पहले से ही कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर से लड़ रहा है और ऐसी अटकलें हैं कि इस साल के अंत में वायरस की तीसरी लहर देश में आ सकती है।
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