137 करोड़ हिन्दुस्तानियों के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। शुद्ध, स्वदेशी मेड इन इंडिया वैक्सीन को दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने मंजूरी दे दी है। दिवाली से पहले ये सबसे बड़ी खुशखबरी है। और ये खुशखबरी आप सबको दीजिए। उन लोगों को भी दीजिए जो एक साल से मेड इन इंडिया वैक्सीन पर अफवाह उड़ा रहे हैं। अभी भी कुछ लोग वैक्सीन लगाने से बच रहे हैं। इसलिए ये आज की सबसे बड़ी ख़बर है।
कोरोना के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान अब और अधिक मजबूत होगा। दरअसल बच्चों के लिए बनाई गई Covaxin कोविड वैक्सीन को डीसीजीआई ने परमिशन दे दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन के दो डोज बच्चों को लगाए जाएंगे। 2 से 18 साल के बच्चों को ये वैक्सीन लगाई जाएगी। सूत्रों ने बताया कि ट्रायल में बच्चों के ऊपर वैक्सीन का कोई भी साइड इफैक्ट सामने नहीं आया है।
बच्चों की कोरोना वैक्सीन और देश में कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर कब आएगी? इसको लेकर शुक्रवार को दिल्ली ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बड़ा अपडेट दिया है। AIIMS के निदेशक गुलेरिया ने कहा कि मेरा मानना है कि देश में बच्चों के लिए सितंबर तक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट ने इस तथ्य को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है कि स्वदेशी रूप से निर्मित कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नवजात बछड़े के सीरम का उपयोग केवल वेरो कोशिकाओं की तैयारी और विकास के लिए किया जाता है |
पवन खेड़ा और गौरव पांधी सहित कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया कि कोवैक्सिन में बछड़े का सीरम होने के बाद भाजपा ने आज 16 जून को इंडिया नेशनल कांग्रेस को जमकर लताड़ा।
देश में कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान जारी है। इस वैक्सीनेशन प्रोग्राम में पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन COVAXIN का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। अब पिछले कुछ दिनों में कोवैक्सिन से जुड़ी कुछ पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इन पोस्टों में यह दावा किया गया है कि COVAXIN वैक्सीन में नवजात बछड़ा सीरम होता है। अब इस संबंध में भारत सरकार का भई बयान आया है।
देश में कोरोना महामारी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,32,000 के करीब मामले आए हैं। पिछले 8 दिनों से कोरोना मामले 2 लाख से भी कम आ रहे हैं। मामलों में 68% की कमी आई है। 66% मामले 5 राज्यों से आ रहे हैं। 33% मामले 31 राज्यों से आ रहे हैं।
सीरम इंस्टीट्यूट इस समय हर महीने कोविशील्ड वैक्सीन की 6.5 करोड़ ख़ुराक बना रहा है। जो जुलाई के अंत तक बढ़कर 11 करोड़ डोज़ तक हो जाएगी। भारत बायोटेक 19 लाख डोज़ की क्षमता के साथ शुरू हुई। इस समय हर महीने 2 करोड़ कोवैक्सिन बना रहा है।जुलाई तक वो हर महीने 5.5 करोड़ वैक्सीन बनाने लगेगा।
नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य डॉ. वीके पॉल ने दिन में मीडिया को संबोधित करते हुए इस खबर की पुष्टि की। उन्होंने कहा- “कोवैक्सिन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा 2 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए अनुमति मिल गई है। मुझे बताया गया है कि ट्रायल अगले 10-12 दिनों में शुरू हो जाएगा।
कोरोना वायरस को हराने के लिए देशभर में तेजी से वैक्सीनेशन ड्राइव जारी है। कोरोना के लिए मुख्य तौर पर दो तरह की वैक्सीन लगाई जाती है। पहली कोवैक्सीन और दूसरी कोवीशील्ड। लेकिन, अब लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि वैक्सीन लगवाने के बाद क्या वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं? इंडिया टीवी के कार्यक्रम कोरोना कंट्रोल कॉन्फ्रेंस में एलएनजीपी के डायरेक्टर डॉ.सुरेश कुमार और फोर्टिस हॉस्पिटल के डॉक्टर कौशलकांत मिश्रा ने क्या बताया देखिए वीडियो...
भारत का कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम कैसे आगे बढ़ेगा, सरकार टीकाकरण की कमी को हल करने के लिए क्या कदम उठा रही है और राष्ट्र के टीकाकरण अभियान पर क्या राजनीति उचित है। देखिए मुक़ाबला
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान देश में कई जगहों पर बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने के मामले बढ़े हैं, ऐसे में बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन की मांग जोर पकड़ती जा रही है। इसी मांग को ध्यान में रखते हुए देश के दवा रेग्युलेटर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पूर्ण रूप से देश में विकसित की गई कोरोना वैक्सीन Covaxin के बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है।
तीसरे और टीकाकरण का सबसे बड़ा चरण सोमवार को दिल्ली में शुरू होगा। 18-45 आयु वर्ग के लोगों को कोरोनोवायरस के खिलाफ टीका दिया जाएगा। इस श्रेणी के लगभग 90 लाख लोग टीके के लिए पात्र होंगे।
लोग मुंबई में BKC जंबो COVID-19 टीकाकरण केंद्र के बाहर लंबी कतारें लगाए दिखे। वैक्सीन केंद्र को आज वैक्सीन की 5000 खुराकें मिलीं और टीकाकरण केंद्र में शीघ्र ही शुरू होगा।
भारत ने अपने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के विस्तार की घोषणा की है ताकि एक मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग टीका लगवा सकें।
भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN) के दाम की घोषणा कर दी है। वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी अपनी वैक्सीन कोविशील्ड के दाम तय कर दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपना प्रस्तावित पश्चिम बंगाल दौरा रद्द कर दिया क्योंकि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए वह एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के लिए मैं कल एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करूंगा। इसकी वजह से मैं पश्चिम बंगाल नहीं जा सकूंगा।’’ इसके बाद प्रधानमंत्री का पश्चिम बंगाल में कोई चुनावी कार्यक्रम तय नहीं है। ऐसे में समझा रहा है कि अब वह राज्य में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे।
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे जारी किए हैं। नतीजों में कहा गया है कि को-वैक्सीन 81 प्रतिशत सफल रही है।
कांग्रेस ने मोदी के वैक्सीन लगवाने को असम, केरल, पुडुचेरी चुनावों से क्यों जोड़ा? विपक्ष का सवाल, मोदी ने कोवैक्सीन का टीका क्यों लगवाया? देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। पीएम मोदी ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई। पीएम ने इसकी जानकारी खुद ट्वीट कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई गई। उन्हें पुदुचेरी की सिस्टर पी.निवेदा ने टीका लगाया, जबकि तस्वीर में दिखाई दे रहीं दूसरी नर्स केरल की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "AIIMS में COVID-19 वैक्सीन की पहली खुराक ली। कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती देने में जिस तेज़ी से हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने काम किया है वो उल्लेखनीय है। जो लोग वैक्सीन लेने योग्य हैं मैं उन सभी से वैक्सीन लगवाने की अपील करता हूं। साथ मिलकर भारत को कोरोना मुक्त बनाते हैं! "
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