पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। पीएम मोदी ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई। पीएम ने इसकी जानकारी खुद ट्वीट कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई गई। उन्हें पुदुचेरी की सिस्टर पी.निवेदा ने टीका लगाया, जबकि तस्वीर में दिखाई दे रहीं दूसरी नर्स केरल की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "AIIMS में COVID-19 वैक्सीन की पहली खुराक ली। कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती देने में जिस तेज़ी से हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने काम किया है वो उल्लेखनीय है। जो लोग वैक्सीन लेने योग्य हैं मैं उन सभी से वैक्सीन लगवाने की अपील करता हूं। साथ मिलकर भारत को कोरोना मुक्त बनाते हैं! "
‘भारत बायोटेक’ ने बताया कि उसने कोविड-19 के टीके ‘Covaxin’ की दो करोड़ खुराकें सप्लाई करने की डील की है।
India's Coronavirus Diplomacy: उम्मीद के मुताबिक, चीन को भारत द्वारा अपने पड़ोसी देशों को वैक्सीन की मदद रास नहीं आई और वो ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारत की 'वैक्सीन मैत्री' पहल पर सवाल खड़े करने लगा है।
भारत बायोटेक को कोविड-19 के अपने टीके ‘कोवैक्सीन’ की 45 लाख अतिरिक्त खुराकों के लिए केंद्र से ऑर्डर मिला है।
कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक की ओर से फैक्टशीट जारी की गई। इसमें कंपनी ने बताया है कि कौन कौन से लोग यह वैक्सीन न लें और कौन से लोगों के लिए यह वैक्सीन सुरक्षित है।
कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव के पहले दिन उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को टीके लगाए गए। देश में पहले दिन 1 लाख 91 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई, इनमें से सबसे ज्यादा 21 हजार 291 टीके उत्तर प्रदेश में लगाए गए।
दिल्ली एम्स के सुरक्षा गार्ड ने कोरोना वैक्सीन लेने के बाद एलर्जी होने की बात कही है। वहीं दो और स्वास्थ्यकर्मियों में भी कोरोना वैक्सीन लगने के बाद हल्के साइड इफेक्ट देखे गए हैं। इन दोनों को छाती में हल्की जकड़न का सामना करना पड़ा।
कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन की 55 लाख खुराकों की आपूर्ति के लिए सरकार से ऑर्डर प्राप्त करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर टीका लगवाने के बाद किसी को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होते हैं तो उसे कंपनी मुआवजा देगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। ज्ञात हो कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं।
केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने कोरोना टीकाकरण को लेकर सभी तरह की जानकारी दी है कि आखिर आपको कोरोना टीका लगवाने के लिए किन-किन जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी।
कोविड-19 के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान की तैयारियों ने बुधवार के जोर पकड़ा। विमानों के जरिये देश भर में विभिन्न हवाईअड्डों पर टीके की खेप पहुंचाई गई, जहां से ये छोटे शहरों को भेजी गईं।
भारत बायोटेक द्वारा बनी, कोविड-19 वैक्सीन का पहला बैच बुधवार सुबह हैदराबाद से दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा।
Covaxin से पहले Covishield वैक्सीन को देश के 13 शहरों में भेजा गया है। Covishield का उत्पादन सीरम इंस्टिट्यूट ने किया है और मंगलवार को इस वैक्सीन को देश के 13 अलग-अलग शहरों में भेजा गया।
क्या लोगों को वैक्सीन चुनने का विकल्प मिलेगा। क्या वैक्सिनेशन सेंटर पर व्यक्ति कह सकता है कि उसे कोवैक्सीन लगवानी है या कोविशील्ड?
आज हैदराबाद की भारत बायोटेक की वैक्सीन को दिल्ली सहित दूसरे शहरों में पहुंचाया जा रहा है।
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की। अदार पुनावाला ने कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। 9 महीने की मेहनत के बाद आज का दिन आया है।
मध्यप्रदेश में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वालंटियर की कथित रूप से मौत के मामले में कंपनी का बयान सामने आया है।
कोविड-19 महामारी का प्रकोप करीब साल भर पहले शुरू होने के बाद से लगभग 200 टीकों को विकसित करने का काम जारी है।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा को छोड़कर देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में आज कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया जा रहा है। इसी बीच देश में कई जगह कोरोना वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की अफवाहें उड़ाई जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा को छोड़कर देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में आज कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया जा रहा है।
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