भारत बायोटेक द्वारा जारी बयान में कहा गया कि भारत सरकार को 150 रुपये/खुराक पर कोवैक्सिन का आपूर्ति मूल्य, एक गैर-प्रतिस्पर्धी मूल्य है और स्पष्ट रूप से लंबे समय में वहनीय नहीं है।
नागपुर सेंटर से वैक्सीन के क्लिनकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले बच्चों से अच्छी खबर आई है। 1 सप्ताह में बच्चों के स्वास्थ्य पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है।
देश के स्वदेशी तौर पर विकसित पहले कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन के छह से 12 साल के बच्चों में नैदानिक परीक्षण के लिये मंगलवार (15 जून) को यहां एम्स में नामांकन शुरू होगा।
अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल मंजूरी देने से इनकार किए जाने के संदर्भ में सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह फैसले का सम्मान करती है।
अधिकारी ने कहा कि केंद्र इस साल 16 जनवरी से "सरकार के समग्र दृष्टिकोण" के तहत प्रभावी टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन कर रहा है। केंद्र को मिले विभिन्न ज्ञापनों के आधार पर, टीकाकरण रणनीति के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक आयु के सभी वयस्कों के लिए टीकाकरण एक मई से शुरू किया गया था।
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए स्वदेश में निर्मित कोवैक्सीन के टीके के बच्चों में परीक्षण के लिए, यहां के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार से दो वर्ष के बच्चे से 18 साल तक के किशोर की जांच शुरू हो गई।
Coronavirus Vaccine-induced Antibody Titre (COVAT) द्वारा दोनों में से किसी एक टीके की दोनों खुराक ले चुके हेल्थ वर्कर्स (HCW) पर किए गए प्रारंभिक अध्ययन के अनुसार, कोविशील्ड वैक्सीन ने कोवैक्सीन की तुलना में अधिक एंटीबॉडी का उत्पादन किया।
देश में कोरोना महामारी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,32,000 के करीब मामले आए हैं। पिछले 8 दिनों से कोरोना मामले 2 लाख से भी कम आ रहे हैं। मामलों में 68% की कमी आई है। 66% मामले 5 राज्यों से आ रहे हैं। 33% मामले 31 राज्यों से आ रहे हैं।
फिलहाल देश में दो टीकों, कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मंजूरी मिली हुई है। कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों को दोनों टीकों की दो खुराक लेने की जरूरत है।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में सही समय पर टीका खरीदने के आदेश न दिए जाने के कारण 18-44 वर्ष के युवाओं द्वारा पहले डोज के रूप में लिए गए 1.5 लाख से अधिक को-वैक्सीन के टीके व्यर्थ होने के कगार पर है।
कोविड-19 के टीकों की कथित बर्बादी के बारे में ‘गलत’ आंकड़े को लेकर झारखंड सरकार की लिखित आपत्ति के बाद केन्द्र सरकार ने इन आंकड़ों को शीघ्र दुरुस्त करने की बात कही और शीघ्र ही इसके लिए कोविन ऐप पर आंकड़ों को ठीक करने का अधिकार राज्यों को भी देने का आश्वासन दिया।
देश में कोविड वैक्सीन की कमी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सितंबर तक इसकी उत्पादन क्षमता लगभग 10 करोड़ खुराक प्रति माह तक पहुंच जाएगी।
सीरम इंस्टीट्यूट इस समय हर महीने कोविशील्ड वैक्सीन की 6.5 करोड़ ख़ुराक बना रहा है। जो जुलाई के अंत तक बढ़कर 11 करोड़ डोज़ तक हो जाएगी। भारत बायोटेक 19 लाख डोज़ की क्षमता के साथ शुरू हुई। इस समय हर महीने 2 करोड़ कोवैक्सिन बना रहा है।जुलाई तक वो हर महीने 5.5 करोड़ वैक्सीन बनाने लगेगा।
भारत बायोटेक ने कहा कि टीके का उत्पादन बढ़ाने एक कदम दर कदम आगे बढ़ने वाली प्रक्रिया है। इसमें कई तरह के नियामकीय और गुणवत्ता परक विनिर्माण व्यवहार की मानक परिचालन प्रक्रियायें शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोविड टीके की पहली खुराक किसी एक कंपनी की और दूसरी खुराक अन्य कंपनी के टीके की लगवाता है तो किसी भी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है लेकिन दृढ़ राय पर पहुंचने के लिए अधिक जांच और समझ की ज
हैदराबाद स्थित भारत बायोटक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार से कहा है कि उसने कोवैक्सिन टीके को आपात उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल कराने के लिए डब्ल्यूएचओ को 90 प्रतिशत दस्तावेज जमा कर दिये हैं।
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार को सूचित किया है कि उसने कोवैक्सीन से जुड़े 90 प्रतिशत दस्तावेज पहले ही डब्ल्यूएचओ में जमा करा दिए हैं ताकि टीके को आपात इस्तेमाल के लिये सूचीबद्ध (ईयूएल) कराया जा सके।
मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को 18-44 साल आयवुर्ग के 6,63,353 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगायी गयी और इस तरह इस टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत से अब तक 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में इस उम्र वर्ग में 92,73,550 लाभार्थियों को टीके लगाये जा चुके हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा ‘भारत बायोटेक’ को कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण के लिए दी गई अनुमति रद्द करने के लिए दायर याचिका पर बुधवार को केन्द्र को नोटिस जारी किया।
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