अभी यह पता नहीं चला है कि अगले साल पांच करोड़ खुराकों के बेकार होने से भारत बायोटेक को कितना नुकसान होगा। दुनियाभर में संक्रमण कम होने के कारण कोवैक्सीन के निर्यात पर बेहद खराब असर पड़ा है।
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीच दिल्ली सरकार ने संक्रमण के रोकथाम के लिए बड़ा फैसला लिया है। गुरुवार को दिल्ली सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि दिल्ली में कोरोना वैक्सीन की 'प्रिकॉशन डोज' अब सरकारी टीकाकरण केंद्रों में मुफ्त में लगाई जाएगी।
अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोरोना का टीका कोवैक्सीन (Covaxin) के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल पर रोक लगी दी है। अमेरिका और कनाडा के लिए भारत बायोटेक की पार्टनर कंपनी Ocugen Inc ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया।
कोरोना हर नए दिन के साथ देश से सिमटता जा रहा है। इसी बीच वैक्सीन को लेकर एक रिसर्च में यह सामने आया है कि ओमिक्रॉन से मुकाबला करने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत है। पढ़िए वैक्सीन की मिक्स डोज पर क्या कहती है रिसर्च?
सीएमसी वेल्लोर ने प्रारंभिक डेटा प्रस्तुत किया है जिसकी समीक्षा की जा रही है। कार्य समूह बैठक के दौरान इसे उठाएगा। सीडीएससीओ (CDSCO) द्वारा प्रारंभिक समीक्षा के बाद डेटा ड्रग रेगुलेटर के तहत विषय विशेज्ञ समिति (SEC) को भेजा जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को कहा कि नि:शुल्क टीकाकरण का सरकारी अभियान जारी रहेगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने वयस्कों के लिए अब कोवैक्सीन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) को कुछ शर्तों के साथ आपातकालीन परिस्थितियों में प्रतिबंधित इस्तेमाल की अनुमति को नई सामान्य दवा में अपग्रेड कर दिया है।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, NPPA को टीकों की कीमत सीमित रखने की दिशा में काम करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया से राज्य सरकार ने 50 लाख कोविशील्ड की डोज और 40 लाख कोवैक्सीन की डोज की मांग की है।
देश में 15 से 18 साल के करीब 10 करोड़ बच्चे हैं, जिन्हें आज से वैक्सीन दी जा रही है। वैक्सीन की रेस में दो कंपनियां भारत बायोटेक और जायडस कैडिला हैं लेकिन बच्चों को फिलहाल भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जा रही है।
भार्गव ने कहा कि संकर प्रतिरक्षा, जो टीकाकरण और प्राकृतिक संक्रमण के परिणामस्वरूप विकसित होती है, दूसरी खुराक के बाद एक मजबूत प्रतिक्रिया और मजबूत एंटीबॉडी अनुमापांक तैयार करती है।
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ फिलहाल एकमात्र कोविड-19 रोधी टीका है जिसे तीन जनवरी से 15-18 साल के किशोरों को लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस श्रेणी में अनुमानित आबादी सात से आठ करोड़ है।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कुछ शर्तों के साथ 12 साल से अधिक उम्र के किशोरों के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के वास्ते मंजूरी दे दी है।
देश में सोमवार तक कोविड वैक्सीन की 123 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने बताया कि सोमवार शाम सात बजे तक 70 लाख (70,85,126) से अधिक खुराक दी गई थीं।
हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया कि वह दिसंबर से किन अन्य देशों को टीके का निर्यात शुरू करेगी।
अदालत ने कहा कि सरकार द्वारा वैक्सीन लगाए जाने के कारण किसी नागरिक का रोजगार चला जाना या यात्रा पर प्रतिबंध होना उसकी मौलिक अधिकारों का हनन है। हाईकोर्ट ने एएसजी को निर्देश दिया कि वह सऊदी अरब के बारे में जानकारी हासिल करके उसे इससे अवगत करायें।
भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे उत्पाद विकास और नैदानिक परीक्षणों के आंकड़ों को दस समीक्षा पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है, जो कोवैक्सिन को दुनिया में सबसे अधिक प्रकाशित कोविड-19 टीकों में से एक बनाती है।’’
जिन 96 देशों ने टीकाकरण प्रमाणपत्रों की परस्पर मान्यता के लिए सहमति व्यक्त की है- उनमें कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्पेन, बांग्लादेश, फिनलैंड, माली, घाना, सिएरा लियोन, नाइजीरिया, सर्बिया, पोलैंड, स्लोवाक रिपब्लिक, क्रोएशिया, बुल्गारिया, तुर्की, चेक गणराज्य, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, रूस, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर आदि देश शामिल हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन Covaxin के लिए आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) को मंजूरी दे दी। भारत बायोटेक के कोवैक्सिन और एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले दो टीके हैं।
137 करोड़ हिन्दुस्तानियों के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। शुद्ध, स्वदेशी मेड इन इंडिया वैक्सीन को दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने मंजूरी दे दी है। दिवाली से पहले ये सबसे बड़ी खुशखबरी है। और ये खुशखबरी आप सबको दीजिए। उन लोगों को भी दीजिए जो एक साल से मेड इन इंडिया वैक्सीन पर अफवाह उड़ा रहे हैं। अभी भी कुछ लोग वैक्सीन लगाने से बच रहे हैं। इसलिए ये आज की सबसे बड़ी ख़बर है।
भारत सरकार की तरफ से Covaxin को मंजूरी दिए जाने के लिए लगातार WHO पर दबाव बनाया जा रहा था और दुनिया के कई बडे़ देश पहले ही Covaxin के इस्तेमाल को अपने यहां मंजूरी दे चुके थे
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