कपास सत्र 2021-22 की शुरुआत में 73.20 लाख गांठ का स्टॉक मौजूद था जो कि करीब ढाई महीने की मिलों की खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है
कृषि लागत और मूल्य आयोग ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए जो सिफारिश की थी उसे सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली है और धान, कपास, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार के चलते पिछले एक साल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूई (कॉटन) का भाव 32 फीसदी से ज्यादा टूटा है।
3 साल बाद ऐसा होगा कि कपास उत्पादन इसकी खपत से अधिक होगा, इस साल खपत 252.2 लाख टन अनुमानित है जो पिछले साल से 6.6 लाख टन अधिक होगी लेकिन उत्पादन से कम
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