चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीने यानि अप्रैल से लेकर जनवरी के दौरान डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 19.3 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है।
चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में डायरेक्ट टैक्स के रूप में 4.39 लाख करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15.2% अधिक है।
अप्रैल से जुलाई के दौरान कुल 1.90 लाख करोड़ रुपए का डायरेक्ट टैक्स इकट्टा हुआ है जो वित्तवर्ष 2017-18 के लिए तय हुए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का 19.5 फीसदी है
ट्रंप प्रशासन की बहुप्रतीक्षित टैक्स सुधार योजना के तहत कॉरपोरेट टैक्स की दर को मौजूदा अधिकतम 35 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव है।
विकसित औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं के मंच ओईसीडी ने भारत को कंपनियों पर आयकर की दर घटा कर 25 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है। इसके के अलावा कई सुझाव दिए।
कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 25 फीसदी करने की घोषणा के दो साल बाद सरकार ने कहा कि ऐसी कोई भी कटौती तभी की जा सकती है, जब व्यक्तिगत इनकम टैक्स का आधार बढ़े।
उद्योग जगत का कहना है कि कंपनी कर की दर मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर देनी चाहिए। अधिभार और उपकर सहित कर की दर 25% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
वित्त मंत्री 2017-18 के बजट में कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती कर सकते हैं। नोटबंदी के दौरान हुई परेशानी के मद्देनजर वित्त मंत्री यह कदम उठा सकते हैं।
देश की कुल आबादी में करदाताओं की संख्या सिर्फ एक प्रतिशत हैं। हालांकि, 5,430 लोग ऐसे हैं जो सालाना एक करोड़ रुपए से अधिक का Tax देते हैं।
अरुण जेटली ने कहा कि भारत सरकार ने पिछली सरकार से विरासत में मिले टैक्स से जुड़े कई मामले सुलझा लिए हैं और कॉर्पोरेट टैक्स 25% के ग्लोबल स्तर पर ला रही है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बार के बजट में सैलरीड क्लास की खरीदारी शक्ति बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत आय पर टैक्स छूट की सीमा को मौजूदा ढ़ाई लाख से बढ़ा सकते हैं।
कॉरपोरेट टैक्स की दर अगले चार साल में 25 फीसदी करने के लिए वित्त मंत्रालय ने विभिन्न टैक्स छूटों को समाप्त करने का एक रोडमैप पेश किया है।
कॉरपोरेट टैक्स में दी जाने वाली रियायतों को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने और टैक्स की दर अगले चार साल में घटाकर 25 फीसदी करने का रोडमैप जल्द जारी होगा।
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