सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 11.25 लाख करोड़ रुपये के इस कलेक्शन में 5.98 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन शामिल है।
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि हमारे देश में कंपनियों के लिए मौजूदा टैक्सेशन की दर 22 प्रतिशत है। हमारे आकार की अर्थव्यवस्था को देखते हुए यह काफी उचित है।
विभाग ने कर संग्रह की सटीक राशि का खुलासा न करते हुए कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में 31 जुलाई, 2022 तक का कॉरपोरेट कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 34 फीसदी अधिक है।’’
जी-7 देशों ने शनिवार को बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर कराधान को लेकर ऐतिहासिक समझौता किया है। इसके तहत न्यूनतम वैश्विक कर की दर कम से कम 15 प्रतिशत रहेगी।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने विश्वास जताया है कि कॉरपोरेट कर की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव से कंपनियां देश से बाहर नहीं जाएंगी।
जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों की इस सप्ताह होने वाली बैठक में टैक्स में सुधार को लेकर रूपरेखा पेश की जाएगी और अगर इस पर सहमति बनती है तो इसे 2021 के मध्य से लागू किया जा सकेगा।
पहली तिमाही के दौरान अग्रिम कर भुगतान की अंतिम तिथि 15 जून होती है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के शुरुआती दो महीने देश में पूरी तरह से लॉकडाउन लागू था।
चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 18.50 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियों के आधार पर लगाया गया है, जो बजट में अनुमानित 19.62 लाख करोड़ रुपए से कम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को आयकर स्लैब में बदलाव करना चाहिए। पिछले कई सालों से इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के कारोबार के अनुकूल रवैये का शुक्रवार को जिक्र करते हुए कहा कि देश में कारोबार को सुगम बनाने के लिये कंपनी अधिनियम के प्रावधानों को आपराधिक कार्रवाई से मुक्त करने पर काम किया जा रहा है।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई।
संसद ने गुरुवार को कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी, जिसमें कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर में भारी कमी की गई और विनिर्माण क्षेत्र में उतरने वाली नई कंपनियों को 15 प्रतिशत की घटी दर से कर का प्रावधान किया गया है।
विनिर्माण क्षेत्र में आने वाली नई कंपनियां यदि 15 प्रतिशत की निचली दर पाने की शर्तें पूरी नहीं करतीं हैं तो उनके लिए 22 प्रतिशत के कर दायरे में जाने का विकल्प दिया गया है।
आर्थिक सुस्सी के बीच मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार आगे और भी आर्थिक सुधार करने को तैयार है।
लोकसभा में कराधान अधिनियम संशोधन विधेयक, 2019 पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि नवंबर तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह पांच प्रतिशत बढ़ा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नीतिगत दरों में कटौती के बाद घटी ब्याज दरें और कॉरपोरेट कर में कटौती से अगले साल देश की अर्थव्यवस्था में सुधार शुरू होगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के.वी. सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की है।
सूत्रों ने कहा कि इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। सीतारमण ने 20 सितंबर को कहा था कि कॉरपोरेट कर और अन्य उपायों से सरकारी खजाने को सालाना 1.45 करोड़ रुपये की हानि होने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरकार के पूर्व में कॉरपोरेट कर दरों में कटौती के फैसले के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार देश की कर व्यवस्था में आगे और सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
आईएमएफ ने मोदी सरकार के कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के फैसले की सराहना की है, साथ ही कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की वजह से देश में निवेश बढ़ेगा।
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