कोरोना महामारी से खुद को बचाने के लिए टीकाकरण ही सबसे कारगर व उपयोगी हथियार है। समय पर टीकाकरण कराने से घातक और ख़तरनाक कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
कोरोना टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने शुक्रवार को नीति में बदलाव को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया।
टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने शुक्रवार को नीति में बदलाव को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को भारत में निश्चित शर्तों के साथ अध्ययन, परीक्षण तथा विश्लेषण के लिए कोविड-19 रोधी टीके स्पूतनिक वी के उत्पादन की मंजूरी दे दी है।
कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए उत्तर प्रदेश में टीकाकरण महाभियान मंगलवार को शुरू हुआ। राजधानी लखनऊ में अलग-अलग अस्पतालों में पहले से ही टीकाकरण चल रहा है। इस दौरान लखनऊ में रिकार्ड टीकाकरण दर्ज हुआ।
ब्रिटेन के औषधि नियामक ने 12 से 15 साल के किशोरों के लिए फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 रोधी टीके को शुक्रवार को मंजूरी देते हुए कहा कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है तथा किसी जोखिम की तुलना में फायदे अधिक हैं।
एक ऐसे समय में जब पूरे देश में चल रहे टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए कोरोना वैक्सीन की लाखों डोज की जरूरत है, मैं राजस्थान में बड़े पैमाने पर हो रही टीके की बर्बादी को देखकर हैरान हूं।
अध्ययन के दौरान कोविड रोधी टीके फाइजर-बायोएनटेक की एक या दोनों खुराकें ले चुके 250 स्वस्थ लोगों के रक्त में, पहली खुराक लेने के तीन महीने बाद तक एंटीबॉडी का विश्लेषण किया गया।
बहरीन और सेशेल्स उन देशों में से हैं जिन्होंने अपने अधिकतर नागरिकों को चीनी वैक्सीन सिनोवैक और सिनोफार्म लगवाई लेकिन इसके बावजूद जब वहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे तो इन देशों ने फिर फाइजर की वैक्सीन लगवानी शुरू कर दी।
कोरोना वायरस के जिस वैक्सीन की आज देश को सबसे ज्यादा जरुरत है वो वैक्सीन कूड़े में फेंकी जा रही है। जिस वैक्सीन से किसी की जान बच सकती है उस वैक्सीन के भरे हुए वायल जमीन में 12 फीट नीचे दबाए जा रहे हैं।
देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक 22.37 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि बृहस्पितवार को 18-44 साल आयु वर्ग के 14,20,288 लोगों को टीके की पहली जबकि 27,203 को दूसरी खुराक दी गई।
कोरोना वायरस के जिस वैक्सीन की आज देश को सबसे ज्यादा जरुरत है वो वैक्सीन कूड़े में फेंकी जा रही है। जिस वैक्सीन से किसी की जान बच सकती है उस वैक्सीन के भरे हुए वायल जमीन में 12 फीट नीचे दबाए जा रहे हैं।
जहां देश में कोरोना टीकाकरण को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कोरोना वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाह भी फैलाई जा रही हैं। कोरोना वैक्सीन अफवाहों से सावधान रहें क्योंकि अफवाहों के प्रति भी इम्यूनिटी बेहद जरूरी है।
कोरोना महामारी से बचने के लिए करोड़ों लोगों ने तमाम आशंकाओं और भय को परे रखकर कोरोना वैक्सीन लगवाई और सबके लिए मिसाल बने। इन्हीं में से एक रेहते बेगम हैं, जिन्होंने 124 साल की उम्र में टीका लगवाया।
केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 19,661 नये मामले सामने आये, जिसके बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 25,35,975 हो गयी है। इसके साथ ही प्रदेश में 213 लोगों की मौत हो गयी जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 9,222 पर पहुंच गयी।
एक प्रायोगिक एंटीवायरल दवा, MK-4482, SARS-CoV-2 संक्रमण के लिए इलाज किए गए हैम्स्टर्स के फेफड़ों में वायरस और बीमारी के नुकसान के स्तर में काफी कमी आई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र की समूची आबादी को वैक्सीनेट कर लेने के केंद्र के दावे को जुमला बताया और जोर दिया कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों को निशुल्क वैक्सीन देने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन पॉलिसी से जुड़ी अपनी सोच को दर्शाने वाले सभी प्रासंगिक दस्तावेज और फाइल नोटिंग रिकार्ड पर रखे तथा कोवैक्सीन, कोविशील्ड एवं स्पुतनिक वी समेत सभी वैक्सीन की आज तक की खरीद का ब्योरा पेश करे।
ब्राजील के एक शहर सेरेना में सारे एडल्टस को वैक्सीन लगा दी गई है, जिसके बाद यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या में 95 प्रतिशत की गिरावट आई है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि जुलाई या अगस्त की शुरुआत तक कोविड-19 के पर्याप्त टीके उपलब्ध होंगे जिससे प्रति दिन एक करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सकेगा।
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