वास्तव में एसी और कूलर चलाने से वायरस फैलने का खतरा अधिक है। कोरोना संकट के बीच लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। देश-विदेश के बड़े डॉक्टरों से जानें इन सवालों का जवाब।
देश में कोरोना के संक्रमण से सही होने के बाद दोबारा टेस्ट पॉजिटिव आई है। ऐसे में डॉक्टरों से जानें आखिर ये कैसे है संभव।
दक्षिण कोरिया के डायगू और नॉर्थ ग्योंगज़िंग प्रांत के आसपास ऐसे मामले देखे गए है। यहां पर 91 कोरोना से सही हुए मरीजों को दोबारा पॉजिटिव हो गए।
कोरोनोवायरस के प्रकोप से बीजिंग और शंघाई के प्रभावित नहीं होने की अफवाहें इंटरनेट पर लगातार फैल रही हैं | पर क्या वास्तव में ऐसा है?
भारत की शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संस्था, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने COVID -19 से संक्रमित लोगों के लिए प्लाज्मा उपचार के लिए एक परीक्षण को मंजूरी दी है।
पीएम मोदी ने 19 दिनों का फिर से लॉकडाउन बढ़ा दिया है। ऐसे में डॉक्टरों से जानें कि उसका फैसला कितना सही हैं।
डाक्टरों से बताया कि किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह से नहीं करना चाहिए। यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
पीएम मोदी ने 19 दिन का लॉकडाउन बढ़ा दिया है। आखिर ऐसा करना क्यों जरूरी था। जानें डॉक्टरों के पैनल से
देश-दुनिया में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों से जानें कब तक बन जाएगी इसकी वैक्सीन
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को देश के नाम संबोधन में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है। ऐसे में हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल आ रहा है कि आखिर पूरे देश में इसे लगाने की क्या जरूरत है।
डॉक्टरों ने देश में कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सरकारी प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने लोगों से सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करने का भी आग्रह किया।
चीन की एकेडमी ऑफ साइंस ने एक रिसर्च की। चीन की इस रिसर्च से दुनियाभर में कोहराम मच गया है। ऐसे में हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल आ रहा है कि अगर यह हवा में इतनी देर तक जीवित रहता है तो फिर सोशल डिस्टैसिंग कितनी कारगर साबित होगी।
वर्तमान में कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने का एकमात्र संभव तरीका लॉकडाउन और सोशल डिस्टन्सिंग है। विशेषज्ञों का भी यह विचार है कि वर्तमान में COVID-19 के प्रसार को नियंत्रित करने का यह सबसे अच्छा तरीका है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अगर भारत में देशव्यापी लॉकडाउन और रोकथाम के उपाय नहीं किए होते तो देश में कोरोना वायरस के मरीजों की की संख्या 15 अप्रैल तक 8 लाख से ज्यादा पार हो सकती थी।
दुनियाभर में कोरोना वायरस के चलते कई युवाओं की जान जा चुकी है। युवाओं को भी इसे सावधान रहने की जरुरत है। कुछ टिप्स की मदद से इससे युवा खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक घर पर बने मास्क प्रभावी और सुरक्षित होते हैं। इन्हें सार्वजनिक जगहों पर पहनने के लिए भी कहा गया है।
डॉक्टर्स का मानना है कि युवाओं के घर से बाहर काम करने जाने की वजह वह इस वायरस की चपेट में जल्दी आ रहे हैं।
डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना वायरस हर किसी को भी संक्रमित कर सकता है। अगर किसी युवा को लगता है कि उन्हें इस बीमारी से डरने की जररुरत नहीं है तो आप गलतफहमी में हैं।
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