भारत में कोरोना मामलों में ताजा उछाल के पीछे कोविड-19 का नया सब वेरिएंट XBB.1.16 हो सकता है। दुनिया भर में कोरोना के वेरिएंट्स पर नजर रखने वाले इंटरनेशनल और भारतीय वैज्ञानिकों ने इसकी आशंका जाहिर की है।
पिछले चौबीस घंटे में झारखंड और महाराष्ट्र से संक्रमण से एक-एक, जबकि केरल से दो लोगों की मौत की जानकारी मिली है। इससे मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 5,30,799 पर पहुंच गई है।
साल 2020 में कोविड 19 ने दस्तक दी थी। चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन को लताड़ लगाई है।
एक तरफ जहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ H3N2 वायरस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस कारण केंद्र सरकार द्वारा 6 राज्यों में नजर बनाए रखने को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं।
भारत में भी इसके मामलों में अचानक तेज उछाल देखने को मिला है। देश में करीब चार महीने बाद संक्रमण के 700 से ज्यादा दैनिक मामले सामने आए हैं। एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 754 नए मामले आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,46,92,710 हो गई है।
एक तरफ जहां H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना के बढ़ते मामले सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। हालांकि लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वे कोरोना से संक्रमित कैसे हो रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 3,618 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है। मंत्रालय ने पिछले दिन कुल 96,170 कोविड टेस्ट किए थे।
भारत में चिकित्सा उपार को सस्ता बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज इसी का नतीजा है। इसके तहत चिकित्सा उपचार पर खर्च होने वाले लगभग 80,000 करोड़ रुपये बचाए गए हैं।
अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने चीन को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि चीन की लैब से कोरोना फैला जिससे पूरी दुनिया परेशान रही। इस वजह से तो चीन को एक पैसा नहीं देना चाहिए।
अमेरिका ने नया खुलासा कर यह बता दिया है कि चीन की वुहान लैब में ही कोरोना का वायरस बना था। हालांकि चीन हमेशा इन आरोपों को खारिज करता रहा है। लेकिन अमेरिकी जांच एजेंसियों ने कई सबूत दिए हैं, जिनसे पूरा शक कुटील चीन की ओर ही जाता है।
कहा जा रहा है कि महिला कोविड-19 से बेहद डरी हुई थी और जब 2020 में पहली बार लॉकडाउन के बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई थी तब महिला का इंजीनियर पति सुजान माझी काम करने के लिए बाहर निकला था, इसके बाद उसने अपने पति को घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी।
कोरोना, मंकीपॉक्स के बाद अब मारबर्ग वायरस का खतरा मंडराने लगा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों को चेतावनी देते हुए सतर्कता बरतने को कहा है। गिनी में इससे 9 लोगों की मौत हो गई है।
केंद्र सरकार ने छह देशों से आने वाले यात्रियों के लिए 'हवाई सुविधा' फॉर्म अपलोड करने के नियम को हटा दिया है और साथ ही प्री-बोर्डिंग आरटी-पीसीआर परीक्षण की अनिवार्यता भी सोमवार से खत्म कर दी है।
कोरोना के बाद से ही देश भर में हार्ट अटैक के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हंसते, नाचते, बात करते, चलते, काम करते, सफर करते, योगा या जिम करते कब किसको हार्ट अटैक आ जाए, कुछ पता नहीं। अब हार्ट अटैक कम उम्र के युवाओं में भी तेजी से हो रहा है। अक्सर युवाओं में हार्ट अटैक के वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल होते रहते हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण के इलाजरत मरीजों की संख्या बढ़कर 1,848 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है। भारत में अभी तक कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 46 लाख 82 हजार 719 हो गई है।
देश में 19 दिसंबर 2020 को संक्रमण के मामले एक करोड़, 4 मई 2021 को 2 करोड़ और 23 जून 2021 को 3 करोड़ के पार पहुंच गए थे। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले 4 करोड़ के पार हो गए थे।
कोरोना संक्रमण की दैनिक दर 08 प्रतिशत, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 0.08 प्रतिशत है। कोरोना वायरस संक्रमण के इलाजरत मरीजों की संख्या घटकर 1,906 रह गई है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है।
चीन में कोरोना का कोहराम जारी है। यहां बीते एक हफ्ते में 13 हजार लोगों ने कोरोना की वजह से अपनी जान गंवाई है। इसमें वो लोग शामिल नहीं हैं, जिनकी मौत अपने घर में हुई है। ये आंकड़ा चीन से सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
देश में पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मेघालय में 1 और गुजरात में दो और मरीजों की जान जाने से देश में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5 लाख, 30 हजार 733 हो गई है।
कोरोना की महामारी के चलते देश के हेल्थ सिस्टम पर पड़े दबाव ने हेल्थकेयर इंडस्ट्री की कमजोरी को उजागर किया है। ऐसे में हेल्थकेयर सेक्टर के लिए साल 2023-24 का बजट बहुत खास माना जा रहा है।
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