गुजरात के मुंद्रा में अडाणी ग्रुप दुनिया का सबसे बड़ा तांबा संयंत्र बना रहा है। जानकारी के मुताबिक, 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश से तैयार हो रहा यह संयंत्र मार्च के अंत तक पहले चरण का परिचालन शुरू कर देगा।
नए आदेश के बाद अब सामानों का प्रोडक्शन, बिक्री, कारोबार, इम्पोर्ट और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का सिम्बल न मौैजूद हो।
तमिलनाडु में मई, 2018 में स्टरलाइट कॉपर का तांबा संयंत्र बंद होने से पहले भारत तांबे का शुद्ध निर्यातक था। फिलहाल संयंत्र का मामला अदालत में लंबित है।
2021-22 में तांबे का आयात 2,95,000 से 3,04,000 टन के बीच रहने का अनुमान है, बीते वित्त वर्ष में भारत ने 2,33,671 टन तांबे का आयात किया था।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेश से उत्साहित स्टरलाइट कॉपर तूतीकोरीन इकाई में एक बार फिर से परिचालन शुरू करने के लिये तमिलनाडु सरकार से सहमति लेगी।
वेदांता समूह की तांबा बनाने वाली कंपनी स्टरलाइट कॉपर की तमिलनाडु इकाई के बंद होने से देश में तांबे का आयात करीब दो अरब डॉलर बढ़ गया है और साथ ही डेढ़ अरब डॉलर के निर्यात का नुकसान भी हुआ है।
स्टालिन द्वारा मई 2010 में दिए गए भाषण का उल्लेख करते हुए पलानीस्वामी ने कहा कि द्रमुक नेता ने तब कहा था, तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट इंडस्ट्रीज ने 1500 करोड़ रुपये का निवेश करके विस्तार किया है...
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