सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, जो तेजी से विकास और आर्थिक विकास हासिल कर रहा है।
Constitutional Amendments: संविधान में अभी तक कई संशोधन किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद भी कई जरूरी संशोधन हुए हैं। जिनमें ईडब्ल्यूएस आरक्षण शामिल है।
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने देश के संविधान को अंगीकार किया था, और इसी के उपलक्ष्य में 2015 के बाद से हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है।
Mallikarjun Kharge: मल्लिकार्जुन खड़गे ने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि जब भी आवश्यकता हो, संविधान, प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहें।
जब देश 1947 में आजाद हुआ तो उसके पास शासन चलाने के लिए खुद का संविधान नहीं था। इसे एक दिन में बना पाना भी संभव नहीं था। ऐसे में संविधान सभा का गठन किया गया और संविधान बनने तक के लिए इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट-1947 को लागू किया गया।
Sri Lanka: श्रीलंका में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के एक समूह ने शनिवार को पीएम रानिल विक्रमसिंघे से 22वें संविधान संशोधन को लेकर मुलाकात की।
आज संविधान दिवस के मौके पर संसद भवन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसकी शुरुआत 2015 में पीएम मोदी ने की थी। लेकिन आज कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बॉयकॉट किया। पीएम मोदी ने बॉयकॉट करने वाले दलों को खूब खरी-खरी सुनाई जो उन्हें चुभ गई। प्रधानमंत्री ने परिवारवाद पर भी जमकर हमला बोला। देखिए कुरुक्षेत्र सौरव शर्मा के साथ।
पीएम ने कहा, इसका नुकसान उस मां को भुगतना पड़ता है जिसका बच्चा बिजली प्लांट नहीं लगने के कारण पढ़ नहीं पाता।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका, दोनों का ही जन्म संविधान की कोख से हुआ है। इसलिए, दोनों ही जुड़वां संतानें हैं। संविधान की वजह से ही ये दोनों अस्तित्व में आए हैं। इसलिए, व्यापक दृष्टिकोण से देखें तो अलग-अलग होने के बाद भी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
कांग्रेस द्वारा संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार किए जाने पर ओम बिरला ने कहा, ‘‘जनप्रतिनिधि होने के नाते यह हमारा दायित्व है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में मर्यादित और गरिमापूर्ण आचरण करें। संसद की मर्यादाओं और उच्च गरिमापूर्ण परम्पराओं को कायम रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस तरह के बहिष्कार से मन व्यथित होता है।’’
पीएम मोदी ने कहा-'अच्छा होता देश आजाद होने के बाद 26 जनवरी गणतंत्र मनाए जाने के बाद 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की परंपरा शुरू करनी चाहिए थी, ताकी हमारी पीढ़ियों को पता चलता कि किस तरह संविधान बना।'
पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए भ्रष्टाचार के दोषी का साथ देना गलत है इससे गलत मैसेज जाता है। देश के नौजवान के मन में लगता है कि इस प्रकार से राजनीति में नेतृत्व करने वाले लोग भ्रष्ट लोगों की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं, तो उनको भी लगता है कि भ्रष्टाचार करना गलत नहीं है।
देश में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। संसद के सेंट्रल हाल में इस मौके पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। हालांकि कांग्रेस सहित कई दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे दुरंदेशी महानुभावों का नमन करने का है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी राजनीतिक दलों की तरफ देखिए, यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है, संविधान हमें जो कहता है उसके विपरीत है।
संसद के सेंट्रल हॉल में जब प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति और स्पीकर तक इस गौरवशाली दिन के समारोह में शिरकत करेंगे तो वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने खुद को इससे अलग रखने का ऐलान किया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, कांग्रेस पार्टी दलित भाई-बहनों पर हो रहे हमले को रोकेगी।
गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। नितिन पटेल ने कहा है कि देश में भारत का संविधान, कानून और सेकुलरिज्म की बातें तब तक ही होंगी जब देश में हिंदू बहुसंख्यक है, जैसे ही हिंदू अल्पसंख्यक होंगे, वैसे ही देश में कोर्ट, लोकसभा, संविधान औऱ सेकुलरिज्म कुछ हीं बचेगा।
गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने संविधान, बहुसंख्यक, अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्षता को लेकर कुछ ऐसा बयान दिया है जिसपर पर बवाल मच रहा है l
संविधान में हर भारतीय के अधिकारों के बारे में बताया गया है। आइए आज हम आपको उन 10 अहम अधिकारों के बारे में बताते हैं जो आपको पता होने चाहिए।
अदालत ने पुलिस को जोड़े द्वारा पेश प्रोटेक्शन याचिका पर निर्णय लेने और कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि न्यूनतम विवाह योग्य आयु की प्राप्ति जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए बाधा नहीं है।
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