26 नवंबर, ये तारीख हिंदुस्तान की पॉलिटिक्स को बदलने वाली तारीख है। नई दिल्ली में आज तीन अलग अलग लोकेशन्स पर संविधान दिवस पर कार्यक्रम हुए। एक संसद में हुआ जहां राष्ट्रपति थीं, नरेंद्र मोदी थे, राहुल गांधी थे
अपने ही पार्टी के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी का माइक अचानक बंद हो गया। माइक काफी देर तक बंद रहा। जब माइक ऑन हुआ तो राहुल ने कहा कि चाहे कितने भी माइक बंद कर लो, मैं बोलता रहूंगा।
आज के दिन को देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर आज हम आपको मौलिक अधिकार और मौलिक कर्त्तव्य के बारे में बताएंगे जो हमें संविधान से मिले हैं।
आज के दिन साल 1949 में भारत के संविधान को अंगीकार किया गया था। इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं पीएम मोदी ने संविधान दिवस पर देशवासियों को बधाई दी है।
Constitution Day: 26 नवंबर को देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आप जरूर ये सोच रहे होंगे कि अगर संविधान लागू हुआ 26 जनवरी को तो 26 नवंबर को संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है। चलिए जानते हैं। Samvidhan Divas
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, लेकिन इसे बनाना उतना ही मुश्किल काम था। यह ऐसा संविधान है, जिसमें देश के हर एक नागरिक के अधिकारों और उसकी आजादी का खयाल रखा गया है। यहां हम भारत के संविधान से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में जानेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, जो तेजी से विकास और आर्थिक विकास हासिल कर रहा है।
Constitutional Amendments: संविधान में अभी तक कई संशोधन किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद भी कई जरूरी संशोधन हुए हैं। जिनमें ईडब्ल्यूएस आरक्षण शामिल है।
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने देश के संविधान को अंगीकार किया था, और इसी के उपलक्ष्य में 2015 के बाद से हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है।
आज संविधान दिवस के मौके पर संसद भवन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसकी शुरुआत 2015 में पीएम मोदी ने की थी। लेकिन आज कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बॉयकॉट किया। पीएम मोदी ने बॉयकॉट करने वाले दलों को खूब खरी-खरी सुनाई जो उन्हें चुभ गई। प्रधानमंत्री ने परिवारवाद पर भी जमकर हमला बोला। देखिए कुरुक्षेत्र सौरव शर्मा के साथ।
पीएम ने कहा, इसका नुकसान उस मां को भुगतना पड़ता है जिसका बच्चा बिजली प्लांट नहीं लगने के कारण पढ़ नहीं पाता।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका, दोनों का ही जन्म संविधान की कोख से हुआ है। इसलिए, दोनों ही जुड़वां संतानें हैं। संविधान की वजह से ही ये दोनों अस्तित्व में आए हैं। इसलिए, व्यापक दृष्टिकोण से देखें तो अलग-अलग होने के बाद भी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
कांग्रेस द्वारा संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार किए जाने पर ओम बिरला ने कहा, ‘‘जनप्रतिनिधि होने के नाते यह हमारा दायित्व है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में मर्यादित और गरिमापूर्ण आचरण करें। संसद की मर्यादाओं और उच्च गरिमापूर्ण परम्पराओं को कायम रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस तरह के बहिष्कार से मन व्यथित होता है।’’
पीएम मोदी ने कहा-'अच्छा होता देश आजाद होने के बाद 26 जनवरी गणतंत्र मनाए जाने के बाद 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की परंपरा शुरू करनी चाहिए थी, ताकी हमारी पीढ़ियों को पता चलता कि किस तरह संविधान बना।'
पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए भ्रष्टाचार के दोषी का साथ देना गलत है इससे गलत मैसेज जाता है। देश के नौजवान के मन में लगता है कि इस प्रकार से राजनीति में नेतृत्व करने वाले लोग भ्रष्ट लोगों की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं, तो उनको भी लगता है कि भ्रष्टाचार करना गलत नहीं है।
देश में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। संसद के सेंट्रल हाल में इस मौके पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। हालांकि कांग्रेस सहित कई दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे दुरंदेशी महानुभावों का नमन करने का है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी राजनीतिक दलों की तरफ देखिए, यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है, संविधान हमें जो कहता है उसके विपरीत है।
संसद के सेंट्रल हॉल में जब प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति और स्पीकर तक इस गौरवशाली दिन के समारोह में शिरकत करेंगे तो वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने खुद को इससे अलग रखने का ऐलान किया है।
महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि जिस दिन देश संविधान का जश्न मना रहा था उसी दिन भाजपा संविधान को खत्म करने में लगी हुई थी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि वह समाजवादी नहीं बल्कि बापू के रामराज्य के समर्थक हैं, जो सर्वकालिक, सार्वभौमिक और शाश्वत हो।
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